Category: शिशु रोग

दातों के दर्द को करें 5 तरीकों से दूर

By: Editorial Team | 15 min read

दांतों का दर्द बच्चों को बहुत परेशान कर देने वाला होता है। इसमें ना तो बच्चे ठीक से कुछ खा पाते हैं और ना ही किसी अन्य शारीरिक क्रिया में उनका मन लगता है। दांतों में दर्द की वजह से कभी कभी उनके चेहरे भी सूख जाते हैं। अगर शिशु के शरीर किसी अन्य हिस्से पर कोई चोट लगे तो आप उस पर मरहम लगा सकती हैं लेकिन दातों का दर्द ऐसा है कि जिसके लिए आप शिशु को न तो कोई दवाई दे सकती हैं और ना ही किसी स्प्रे का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसी वजह से बच्चों के दातों का इलाज करना बहुत ही चुनौती भरा काम है।

बच्चे के दातों के दर्द को करें 5 तरीकों से दूर

बच्चों के दातों की तकलीफ को लेकर अक्सर मां बाप भी विचलित हो जाते हैं और यह सोच कर परेशान हो जाते हैं कि शिशुओं में दांत दर्द को कैसे कम करे। इसलिए हम लेकर आए हैं ऐसे तरीकों के बारे में जानकारी जो बच्चों के लिए विशेष रूप से प्रभावी है और जिनका कोई बच्चों पे बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है।

इस लेख मे : 

  1. बड़ों के इलाज बच्चों पर कारगर नहीं
  2. दांतों के दर्द को खत्म करने के 5 आसान घरेलू तरीके
  3. क्यों आसानी से बच्चों के दांतों में लग जाते हैं कीड़े?
  4. समय पर दांतो का इलाज ना करने के नुकसान
  5. बच्चों के दांतों को कीड़ों से बचाने के लिए निम्न सावधानियां बरतें
  6. बच्चों के दांतों में लग जाए कीड़ा तो घरेलू उपचार

बड़ों के इलाज बच्चों पर कारगर नहीं 

बड़ों को अगर दातों की तकलीफ सताती है तो वह इसका इलाज नमक के पानी के गरारे और लौंग की सहायता से इसे दूर कर लेते हैं। 

बड़ों के इलाज बच्चों पर कारगर नहीं

लेकिन छोटे बच्चों के मुंह की त्वचा बहुत नाजुक होती है और लौंग के इस्तेमाल से उम्र में जलन पैदा हो सकता है इसीलिए जो घरेलू तरीके बड़ों के लिए आजमाएं जाते हैं वे सभी तरीके बच्चों के दांतो के दर्द को ठीक करने के लिए इस्तेमाल नहीं किए जा सकते।  इस लेख में हम आपको बताएंगे बच्चों के दांतों के दर्द को खत्म करने के 5 आसान घरेलू तरीकों के बारे में। 

दांतों के दर्द को खत्म करने के 5 आसान घरेलू तरीके

दांतों के दर्द को खत्म करने के 5 आसान घरेलू तरीके 

हम आप को पांच चीजें बताएंगे जो आप छोटे बच्चों पर भी आजमा सकती हैं।  बच्चों में दांतो के दर्द को ठीक करने के लिए घरेलू नुस्खे शिशु के नाजुक त्वचा को तकलीफ नहीं पहुंचाएगा और साथ ही उन्हें हो रही तकलीफ से राहत प्रदान करेगा।

  1. अमरूद के पत्ते -  अगर आपके घर में अमरूद का पेड़ है या आपके पड़ोस में किसी के घर में अमरूद का पेड़ है तो अमरूद के पेड़ के ताजे पत्तों को तोड़ कर दो लीजिए।  इन ताजे पत्तों को आधे लीटर पानी में उबाल लीजिए और फिर अपने शिशु को इस पानी के हल के ठंडे हो जाने पर गर्गल करने के लिए दीजिए।  इससे आपके शिशु को दांतो के दर्द से आराम मिलेगा।  इसके अलावा आप अमरूद के ताजा पत्तों को हल्का कुंच (crush) कर के भी शिशु को इसे हल्के हल्के चबाने के लिए दे सकती हैं। 
  2. प्याज का टुकड़ा -  प्याज का एक बहुत पतला स्लाइस काट लीजिए और अपने शिशु को इसे दुखते हैं वे दांत पर रखने के लिए कहे।  इसे शिशु चाहे तो अपने दांतो से हल्का जवाबी सकता है।  दातों में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो शिशु के दर्द को कम करने की क्षमता रखता है।  अगर आपका शिशु अपने मुंह में प्याज को रखना पसंद नहीं करता है तो प्यास को चम्मच से दबाकर इसे कुछ बूंद निकाल लीजिए और प्याज की बूंद को शिशु के दातों पर डालिए। 
  3.  लहसुन की कली - प्याज की तरह लहसुन में भी एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो दांतों पर मौजूद जीवाणुओं को नष्ट करते हैं और दर्द में राहत पहुंचाते हैं।  लहसुन के एक कली को हल्का सा उबाल लीजिए और इसे शिशु को देखते हुए दातों के ऊपर या आसपास रखने के लिए कहे। लहसुन में मौजूद रोग नाशी गुण शिशु के दांतो के दर्द को कम करेंगे। 
  4. गेहूं की घास -  हो सकता है यह आपको आसानी से अपने घर पर ना मिले। लेकिन अगर गेहूं की घास आपके पास उपलब्ध है तो गेहूं के छोटे पौधे या घास को मुंह में लेकर  इसे धीरे धीरे चबाएं।  या तो आप गेहूं के छोटे घास को थोड़े से पानी में उबाल लें और इस पानी से अपने शिशु को कुल्ली करने के लिए कहे। 
  5. नमक और सरसों का तेल - दातों को अच्छी तरह से साफ करने के लिए नमक और सरसों के तेल के मिश्रण को कई सदियों से भारत में इस्तेमाल किया जा रहा है।  लेकिन क्या आपको पता है कि यह दांतो के दर्द को भी कम करता है।  नमक और सरसों के तेल के  थोड़े से मिश्रण को शिशु के दर्द वाले दांत पर हल्का सा लगा कर छोड़ दें।  इससे उसे कुछ देर में आराम मिलेगा।


क्यों आसानी से बच्चों के दांतों में लग जाते हैं

क्यों आसानी से बच्चों के दांतों में लग जाते हैं कीड़े?

अक्सर देखा गया है कि बच्चे दांतो के दर्द  के आसानी से शिकार बन जाते हैं।   ऐसा मुख्यतः दो वजहों से होता है।पहले तो ब्रश ना करने की वजह से और दूसरा अत्यधिक मात्रा में मीठे का सेवन करने की वजह से। साथ ही यह भी देखा गया है कि बच्चे हर वक्त कुछ ना कुछ खाते रहते हैं जिससे हर समय उनके दातों में आहार  का अवशेष मौजूद रहता है। इससे कीटाणु को दांतों में पनपने का और अपनी संख्या बढ़ाने का पूरा मौका मिल जाता है। 

समय पर दांतो का इलाज ना करने के नुकसान

 छोटे बच्चों में दांतों का दर्द एक बहुत ही आम समस्या है।  लेकिन अगर इसका इलाज समय पर नहीं किया गया तो यह आगे चलकर मुंह संबंधी किसी बड़ी बीमारी का कारण भी बन सकता है।  अधिकांश मामलों में बच्चों के दांतों में सड़न ब्रश ना करने की वजह से होता है।

समय पर दांतो का इलाज ना करने के नुकसान  इससे उनके मुंह में मीठे हारों के अवशेष और चॉकलेट दातों के बीच वाली जगह में फंसे रहते हैं जहां पर बहुत आसानी से संक्रमण बनने लगता है।  कई बार तो यह पता भी नहीं चलता है और कीड़े बच्चों की दांतो को अंदर ही अंदर कमजोर करने लग जाते हैं।  इस बात का पता तब चलता है जब बच्चों के दातों में बहुत तेज दर्द उठता है या उनके दांतों से खून निकलने की समस्या पैदा होती है। दांतों में कीड़े का इलाज कुछ आसान तरीकों से किया जा सकता है जो इस प्रकार से हैं।

बच्चों के दांतों को कीड़ों से बचाने के लिए निम्न सावधानियां बरतें

बच्चों के दांतों को कीड़ों से बचाने के लिए निम्न सावधानियां बरतें

  1. अपने शिशु में नियमित ब्रश करने की आदत डालें  
  2.  उसे अत्यधिक मीठे का सेवन करने से रोके
  3.  अत्यधिक गर्म या अत्यधिक ठंडी चीजों का सेवन ना करने दे
  4.  फास्ट फूड और तली हुई वस्तुओं से दूर रखें
  5.  इस बात का ध्यान रखें कि आपका शिशु दिन भर में कितनी टॉफी चॉकलेट खा रहा है
  6.  शिशु को पौष्टिक आहार खिलाए। उसके भोजन में ऐसे आहार ओं को सम्मिलित करें जिनमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं जैसे कि फल और सब्जियां।
  7.  शिशु को ऐसे आहार दें जिनमें कैलशियम, मैग्निशियम, और विटामिन डी की मात्रा प्रचुर मात्रा में हो

बच्चों के दांतों में लग जाए कीड़ा तो घरेलू उपचार

बच्चों के दांतों में लग जाए कीड़ा तो घरेलू उपचार

अगर आपके बच्चे के दांतों में कीड़े लग गए हैं तो निम्न घरेलू उपचार (नुस्खें) के द्वारा आप उन्हें ठीक कर सकते हैं। 

  • हल्दी -   पीसी  हुई हल्दी को थोड़े से सरसों के तेल के साथ अच्छे से मिक्स करें। हर दिन अपने शिशु को इससे मंजन करवाएं।  सुबह और रात को सोने से पहले दिन में दो बार ऐसा करने से कुछ दिनों के अंदर ही उसके दांतों में लगे सभी कीड़े खत्म हो जाएंगे।
  •  फिटकरी -  थोड़ी सी फिटकरी को गर्म पानी में घोलने।  इस पानी को हल्का गर्म कर ले और इससे अपने शिशु को हर दिन कुल्ला करवाएं।  इसे ना केवल दांत में मौजूद कीड़े खत्म होंगे बल्कि दांतो की बदबू भी खत्म होगी।
  • हिंग - थोड़ी सी हींग को गर्म कर लें और इसे साफ कपड़े की मदद से शिशु के कीड़े लगे दातो पर रख दें।  सुबह सुबह ब्रश करने के बाद कुछ दिनों तक ऐसा करें।   इससे दांतों में लगे कीड़े दूर हो जाएंगे। 
  •  दालचीनी -  थोड़ी सी पी सी भी दालचीनी को सरसों के तेल में मिलाकर के 1 साफ कपड़े की मदद से बच्चों के दातों पर लगाएं।  अगर आप कुछ दिनों तक हर दिन ऐसा करेंगे तो आपके बच्चे के दांतों में कीड़े की परेशानी दूर होगी। 
  •  लोंग -  अगर आप का शिशु 5 साल से बड़ा है तो आप  उसके दांतो पर लौंग का तेल भी लगा सकती है।  शिशु के दांत के ऊपर लॉन्ग का तेल लगाने के लिए एक साफ कपड़े के कोने को लौंग के तेल में भिगएं और दातों के खोखले हिस्से में लगाएं।  इससे बच्चे को दांत के दर्द में आराम मिलेगा और उसके दांतो में मौजूद कीड़े भी नष्ट होंगे। 
  • जायफल का तेल - जायफल के तेल को रुई में भिगोकर 5 से 10 मिनट के लिए शिशु के दांत के ऊपर रखें।  इसके बाद अपने शिशु को  गरम पानी से कुली करवाएं।  अगर कुछ दिनों तक आप हर दिन ऐसा करवाती हैं तो आपके शिशु के दांतों में कीड़े की समस्या बहुत हद तक कम हो जाएगी। 
Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्‍तविकता सुनिश्‍चित करने का हर सम्‍भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्‍सक से अवश्‍य संपर्क करें। आपका चिकित्‍सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्‍प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।

गणतंत्र-दिवस-essay
लर्निंग-डिसेबिलिटी-Learning-Disabilities
बोर्ड-एग्जाम
-देर-से-बोलते-हैं-कुछ-बच्चे
गर्भावस्था-में-उलटी
बच्चों-में-तुतलाने
प्रेग्नेंसी-में-उल्टी-और-मतली
यूटीआई-UTI-Infection
सिजेरियन-या-नार्मल-डिलीवरी
गर्भपात
डिलीवरी-के-बाद-पेट-कम
डिलीवरी-के-बाद-आहार
होली-सिखाये-बच्चों
स्तनपान-आहार
स्तनपान-में-आहार
प्रेगनेंसी-के-दौरान-गैस
बालों-का-झाड़ना
प्रेगनेंसी-में-हेयर-डाई
अपच-Indigestion-or-dyspepsia
गर्भावस्था-(प्रेगनेंसी)-में-ब्लड-प्रेशर-का-घरेलु-उपचार
गर्भधारण-का-उपयुक्त-समय-
बच्चे-में-अच्छा-व्यहार-(Good-Behavior)
शिशु-के-गले-के-टॉन्सिल-इन्फेक्शन
बच्चों-का-गुस्सा
गर्भावस्था-में-बालों-का-झड़ना
क्या-गर्भावस्था-के-दौरान-Vitamins-लेना-सुरक्षित-है
बालों-का-झाड़ना
बालों-का-झाड़ना
बालों-का-झाड़ना
सिजेरियन-डिलीवरी-के-बाद-देखभाल-के-10-तरीके

Most Read

गर्भ-में-लड़का-होने-के-लक्षण-इन-हिंदी
बच्चे-का-वजन
टीकाकरण-चार्ट-2018
शिशु-का-वजन-बढ़ाएं
बच्चों-में-यूरिन
बच्चों-को-गोरा-करने-का-तरीका-
कई-दिनों-से-जुकाम
खांसी-की-अचूक-दवा
बंद-नाक
balgam-wali-khansi-ka-desi-ilaj
sardi-jukam
सर्दी-जुकाम-की-दवा
बच्चे-की-भूख-बढ़ाने-के-घरेलू-नुस्खे

Other Articles

क्या UHT Milk ताजे दूध से बेहतर है?
क्या-UHT-Milk-ताजे-दूध-से-बेहतर-है ताजे दूध की तुलना में UHT Milk ना तो ताजे दूध से बेहतर है और यह ना ही ख़राब है। जितना बेहतर तजा दूध है आप के शिशु के लिए उतना की बेहतर UHT Milk है आप के बच्चे के लिए। लेकिन कुछ मामलों पे अगर आप गौर करें तो आप पाएंगे की गाए के दूध की तुलना में UHT Milk आप के शिशु के विकास को ज्यादा बेहतर ढंग से पोषित करता है। इसका कारण है वह प्रक्रिया जिस के जरिये UHT Milk को तयार किया जाता है। इ लेख में हम आप को बताएँगे की UHT Milk क्योँ गाए के दूध से बेहतर है।
Read More...

शिशु में कब्ज की समस्या का घरेलु उपचार
शिशु-में-कब्ज-की-समस्या-का-घरेलु-उपचार- नवजात शिशु का पाचन तंत्र पूरी तरह से विकसित नहीं होता है इस वजह से उन्हें कई बार कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ता है। एक चम्मच में थोड़े से हिंग को चार-पांच बूंद पानी के साथ मिलाएं। इस लेप को बच्चे के नाभि पे लगाने से उसे थोडा आराम मिलेगा। बच्चे को स्तनपान करना जरी रखें और हर थोड़ी-थोड़ी देर पे स्तनपान करते रहें। नवजात शिशु को पानी ना पिलायें।
Read More...

प्रेगनेंसी में नारियल पानी वरदान है - जानिए इसके फायदे
प्रेगनेंसी-में-वरदान-है-नारियल-पानी नारियल का पानी गर्भवती महिला के लिए पहली तिमाही में विशेषकर फायदेमंद है अगर इसका सेवन नियमित रूप से सुबह के समय किया जाए तो। इसके नियमित सेवन से गर्भअवस्था से संबंधित आम परेशानी जैसे कि जी मिचलाना, कब्ज और थकान की समस्या में आराम मिलता है। साथी या गर्भवती स्त्री के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, शिशु को कई प्रकार की बीमारियों से बचाता है और गर्भवती महिला के शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करता है।
Read More...

डिलीवरी के बाद पेट कम करने का घरेलु नुस्खा
डिलीवरी-के-बाद-पेट-कम डिलीवरी के बाद लटके हुए पेट को कम करने का सही तरीका जानिए। क्यूंकि आप को बच्चे को स्तनपान करना है, इसीलिए ना तो आप अपने आहार में कटौती कर सकती हैं और ना ही उपवास रख सकती हैं। आप exercise भी नहीं कर सकती हैं क्यूंकि इससे आप के ऑपरेशन के टांकों के खुलने का डर है। तो फिर किस तरह से आप अपने बढे हुए पेट को प्रेगनेंसी के बाद कम कर सकती हैं? यही हम आप को बताएँगे इस लेख मैं।
Read More...

किस उम्र में शिशु को आइस क्रीम (ice-cream) देना उचित है|
शिशु-को-आइस-क्रीम शिशु को बहुत छोटी उम्र में आइस क्रीम (ice-cream) नहीं देना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योँकि नवजात शिशु से ले कर एक साल तक की उम्र के बच्चों का शरीर इतना विकसित नहीं होता ही वो अपने शरीर का तापमान वयस्कों की तरह नियंत्रित कर सकें। इसलिए यह जाना बेहद जरुरी है की बच्चे को किस उम्र में आइस क्रीम (ice-cream) दिया जा सकता है।
Read More...

दाल का सुप बच्चों के लिए - दाल का पानी
दाल-का-पानी दाल का पानी (Dal ka pani/ lentil soup for infants) शिशु के लिए एक बेहतरीन आहार है। प्रोटीन और विटामिन से भर पूर, और पचाने में बहुत ही हल्का, पेट के लिए आरामदायक लेकिन पोषक तत्वों के मामले में यह एक बेहतरीन विकल्प है।
Read More...

बच्चों को बुखार व तेज दर्द होने पे क्या करें?
डिस्टे्रक्टर अगर आप के बच्चे को बुखार है और बुखार में तेज़ दर्द भी हो रहा है तो तुरंत अपने बच्चे को डॉक्टर को दिखाएँ। बुखार में तेज़ दर्द में अगर समय रहते सही इलाज होने पे बच्चा पूरी तरह ठीक हो सकता है। मगर सही इलाज के आभाव में बच्चे की हड्डियां तक विकृत हो सकती हैं।
Read More...

6 TIPS: बच्चे के लिए बेस्ट स्कूल इस तरह चुने
best-school-2018 अगर आप अपने बच्चे के लिए best school की तलाश कर रहें हैं तो आप को इन छह बिन्दुओं का धयान रखना है| 2018, अप्रैल महीने में जब बच्चे अपना एग्जाम दे कर फ्री होते हैं तो एक आम माँ-बाप की चिंता शुरू होती है की ऐसे स्कूल की तलाश करें जो हर मायने में उनके बच्चे के लिए उपयुक्त हो और उनके बच्चे के सुन्दर भविष्य को सवारने में सक्षम हो और जो आपके बजट के अंदर भी हो| Best school in India 2018.
Read More...

बच्चे के पेट में कीड़े - कारण लक्षण और उपचार
पेट-में-कीड़े बच्चों के पेट में कीड़े होना बहुत ही आम बात है। अगर आप के बच्चे के पेट में कीड़े हैं तो परेशान या घबराने की कोई बात नहीं। बहुत से तरीके हैं जिनकी मदद से बच्चों के पेट के कीड़ों को ख़तम (getting rid of worms) किया जा सकता है।
Read More...

इडली दाल बनाने की विधि - शिशु आहार
इडली-दाल इडली बच्चों के स्वस्थ के लिए बहुत गुण कारी है| इससे शिशु को प्रचुर मात्रा में कार्बोहायड्रेट और प्रोटीन मिलता है| कार्बोहायड्रेट बच्चे को दिन भर के लिए ताकत देता है और प्रोटीन बच्चे के मांसपेशियोँ के विकास में सहयोग देता है| शिशु आहार baby food
Read More...

बच्चे को डकार (Burp) दिलाना है जरुरी!
बच्चे-को-डकार दूध पिने के बाद बच्चा उलटी कर देता है| बच्चे को दूध पिलाने के बाद डकार अवश्य दिलाना चाहिए| दूध पीते वक्त बच्चे के पेट में हवा चली जाती है| इस कारण बच्चे को गैस की समस्या का सामना करना पड़ता है| बच्चे को डकार दिलाने से उलटी (vomit) और हिचकी (बेबी hiccups) की समस्या से बचा जा सकता है|
Read More...

बच्चों के दिनचर्या को निर्धारित करने के फायदे हैं बहुत
बच्चों-का-दिनचर्या अमेरिकी शोध के अनुसार जो बच्चे एक नियमित समय का पालन करते हैं उनमें मोटापे की सम्भावना काफी कम रहती है| नियमित दिनचर्या का पालन करने का सबसे ज्यादा फायदा प्री-स्कूली आयु के बच्चों में होता है| नियमित दिनचर्या का पालन करना सिर्फ सेहत की द्रिष्टी से ही महत्वपूर्ण नहीं है वरन इससे कम उम्र से ही बच्चों में अनुशाशन के प्रति सकारात्मक सोच विकसित होती है|
Read More...

मां का दूध अमृत है बच्चे के लिए
मां-का-दूध मां का दूध बच्चे के लिए सुरक्षित, पौष्टिक और सुपाच्य होता है| माँ का दूध बच्चे में सिर्फ पोषण का काम ही नहीं करता बल्कि बच्चे के शरीर को कई प्रकार के बीमारियोँ के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी प्रदान करता है| माँ के दूध में calcium होता है जो बच्चों के हड्डियोँ के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है|
Read More...

कुपोषण का खतरा आप के भी बच्चे को हो सकता है
कुपोषण-का-खतरा हर मां बाप अपने बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान करना चाहते हैं जिससे उनके शिशु को कभी भी कुपोषण जैसी गंभीर समस्या का सामना ना करना पड़े और उनके बच्चों का शारीरिक और बौद्धिक विकास बेहतरीन तरीके से हो सके। अगर आप भी अपने शिशु के पोषण की सभी आवश्यकताओं को पूरा करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले यह समझना पड़ेगा किस शिशु को कुपोषण किस वजह से होती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कुपोषण क्या है और यह किस तरह से बच्चों को प्रभावित करता है (What is Malnutrition & How Does it Affect children?)।
Read More...

बच्चे का दांत निकलते समय उलटी और दस्त कैसे रोकें
उलटी-और-दस्त दांत का निकलना एक बच्चे के जिंदगी का एहम पड़ाव है जो बेहद मुश्किलों भरा होता है। इस दौरान तकलीफ की वजह से बच्चे काफी परेशान करते हैं, रोते हैं, दूध नहीं पीते। कुछ बच्चों को तो उलटी, दस्त और बुखार जैसे गंभीर लक्षण भी देखने पड़ते हैं। आइये जाने कैसे करें इस मुश्किल दौर का सामना।
Read More...

हेपेटाइटिस A वैक्सीन - Schedule और Side Effects
हेपेटाइटिस-A-वैक्सीन हेपेटाइटिस A वैक्सीन (Hepatitis A Vaccine Pediatric in Hindi) - हिंदी, - हेपेटाइटिस A का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
Read More...

सूजी का खीर छोटे बच्चों के लिए शिशु आहार (Sooji Kheer For Baby)
सूजी-का-खीर अगर आप का शिशु 6 महिने का हो गया है और आप सोच रही हैं की अपने शिशु को क्या दें खाने मैं तो - सूजी का खीर सबसे बढ़िया विकल्प है। शरीर के लिए बेहद पौष्टिक, यह तुरंत बन के त्यार हो जाता है, शिशु को इसका स्वाद बहुत पसंद आता है और इसे बनाने में कोई विशेष तयारी भी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
Read More...

बच्चों में भूख बढ़ने के आसन घरेलु तरीके
बच्चों-में-भूख-बढ़ने छोटे बच्चे खाना खाने में बहुत नखरा करते हैं। माँ-बाप की सबसे बड़ी चिंता इस बात की रहती है की बच्चों का भूख कैसे बढाया जाये। इस लेख में आप जानेगी हर उस पहलु के बारे मैं जिसकी वजह से बच्चों को भूख कम लगती है। साथ ही हम उन तमाम घरेलु तरीकों के बारे में चर्चा करेंगे जिसकी मदद से आप अपने बच्चों के भूख को प्राकृतिक तरीके से बढ़ा सकेंगी।
Read More...

दुबले बच्चे का कैसे बढ़ाए वजन
शिशु-diet-chart यह तो हर माँ-बाप चाहते हैं की उनका शिशु स्वस्थ और सेहत पूर्ण हो। और अगर ऐसे स्थिति में उनके शिशु का वजन उसके उम्र और लम्बाई (कद-काठी) के अनुरूप नहीं बढ़ रहा है तो चिंता करना स्वाभाविक है। कुछ आहार से सम्बंधित diet chart का अगर आप ख्याल रखें तो आप का शिशु कुछ ही महीनों कें आवश्यकता के अनुसार वजन बना लेगा।
Read More...

दिमागी बुखार - मेनिन्जइटिस (Meningitis) का वैक्सीन
दिमागी-बुखार दिमागी बुखार (मेनिन्जइटिस) की वजह से दिमाग को नुकसान और मौत हो सकती है। पहले, बहुत अधिक बच्चों में यह बीमारियां पाई जाती थी, लेकिन टीकों के इस्तेमाल से इस पर काबू पाया गया है। हर माँ बाप को अपने बच्चों को यह टिका अवश्य लगवाना चाहिए।
Read More...

Copyright: Kidhealthcenter.com