आटे का हलुवा इतना पौष्टिक होता है की इसे गर्भवती महिलाओं को खिलाया जाता है| आटे का हलुआ शिशु में ठोस आहार शुरू करने के लिए सबसे बेहतरीन शिशु आहार है। आटे का हलुवा शिशु के लिए उचित और सन्तुलित आहार है|
चावल का खीर मुख्यता दूध में बनता है तो इसमें दूध के सारे पौष्टिक गुण होते हैं| खीर उन चुनिन्दा आहारों में से एक है जो बच्चे को वो सारे पोषक तत्त्व देता है जो उसके बढते शारीर के अच्छे विकास के लिए जरुरी है|
बच्चों के नाजुक पाचन तंत्र में लौकी का प्यूरी आसानी से पच जाता है| इसमें प्रचुर मात्रा में मिनरल्स पाए जाते हैं जैसे की कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन A, C. जो बच्चे के पोषण के लिए अच्छा है।
मुंग के दाल में प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। शिशु में ठोस आहार की शुरुआत करते वक्त उन्हें आप मुंग दाल का पानी दे सकते हैं। चूँकि मुंग का दाल हल्का होता है - ये 6 माह के बच्चे के लिए perfect आहार है।
29 रोचक और पौष्टिक शिशु आहार बनाने की विधि जिसे आप का लाडला बड़े चाव से खायेगा। ये सारे शिशु आहार को बनाना बहुत ही आसान है, इस्तेमाल की गयी सामग्री किफायती है और तैयार शिशु आहार बच्चों के लिए बहुत पौष्टिक है। Ragi Khichdi baby food शिशु आहार
खिचड़ी हल्का होता है और आसानी से पच जाता है| पकाते वक्त इसमें एक छोटा गाजर भी काट के डाल दिया जाये तो इस खिचड़ी को बच्चे के लिए और भी पोषक बनाया जा सकता है| आज आप इस रेसिपी में एहि सीखेंगी|
शिशु के कपडे को धोते वक्त कुछ बातों का ख्याल रखें ताकि कीटाणुओं और रोगाणुओं को बच्चों के कपडे से पूरी तरह ख़त्म किया जा सके और बच्चों के कपडे भी सुरक्षित रहें| शिशु के खिलौनों को भी समय-समय पे धोते रहें ताकि संक्रमण का खतरा ख़त्म हो सके|
जन्म के समय जिन बच्चों का वजन 2 किलो से कम रहता है उन बच्चों में रोग-प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम रहती है| इसकी वजह से संक्रमणजनित कई प्रकार के रोगों से बच्चे को खतरा बना रहता है|
Jaundice in newborn: Causes, Symptoms, and Treatments - जिन बच्चों को पीलिया या जॉन्डिस होता है उनके शरीर, चेहरे और आँखों का रंग पीला पड़ जाता है। पीलिया के कारण बच्चे को केर्निकेटरस नामक बीमारी हो सकती है। यह बीमारी बच्चे के मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है।
टीकाकरण के बाद बुखार होना आम बात है क्यूंकि टिके के जरिये बच्चे की शरीर का सामना संक्रमण से कराया जाता है। जानिए की आप किस तरह टीकाकरण के दुष्प्रभाव को कम कर सकती हैं।
6 month से 2 साल तक के बच्चे के लिए गाजर के हलुवे की रेसिपी (recipe) थोड़ी अलग है| गाजर बच्चे की सेहत के लिए बहुत अच्छा है| गाजर के हलुवे से बच्चे को प्रचुर मात्रा में मिलेगा beta carotene and Vitamin A.
दूध पिने के बाद बच्चा उलटी कर देता है| बच्चे को दूध पिलाने के बाद डकार अवश्य दिलाना चाहिए| दूध पीते वक्त बच्चे के पेट में हवा चली जाती है| इस कारण बच्चे को गैस की समस्या का सामना करना पड़ता है| बच्चे को डकार दिलाने से उलटी (vomit) और हिचकी (बेबी hiccups) की समस्या से बचा जा सकता है|
दूध वाली सेवई की इस recipe को 6 से 12 महीने के बच्चों को ध्यान मे रख कर बनाया गया है| सेवई की यह recipe है छोटे बच्चों के लिए सेहत से भरपूर| अब नहीं सोचना की 6 से 12 महीने के बच्चों को खाने मे क्या दें|
उपमा की इस recipe को 6 month से लेकर 12 month तक के baby को भी खिलाया जा सकता है। उपमा बनाने की सबसे अच्छी बात यह है की इसे काफी कम समय मे बनाया जा सकता है और इसको बनाने के लिए बहुत कम सामग्रियों की आवश्यकता पड़ती है। इसे आप 10 से 15 मिनट मे ही बना लेंगे।