यूटीआई संक्रमण क्या है
यूटीआई का सीधा सा अर्थ होता है 'यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन'। इसका मतलब है मूत्रमार्ग का संक्रमण। यूटीआई संक्रमण स्त्रियोँ में होना बहुत ही आम बात है।

लेकिन अगर आप गर्भवती हैं तो आप को यूटीआई संक्रमण से बचने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। क्योँकि यूटीआई संक्रमण का आप के गर्भ में पल रहे बच्चे पे बुरा असर पड़ सकता है।
यूटीआई का संक्रमण एक बैक्टीरिया के वजह से होने वाला इन्फेक्शन है। इस बैक्टीरिया को ईककोलाई कहते हैं और इससे संक्रमण मूत्र मार्ग के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
यूटीआई का संक्रमण फंगस और परजीवी की वजह से भी हो सकता है। यह संक्रमण किडनी, यूरिनरी ब्लैडर और युरेथ्रा को भी प्रभावित कर सकता है।

गर्भावस्था में यूटीआई संक्रमण
गर्भावस्था के दौरान स्त्रियोँ में यूटीआई संक्रमण के मामले कम ही देखने को मिलते हैं। लेकिन अगर यूटीआई संक्रमण हो जाते तो यह बहुत ही चिंता का विषय भी है।
गर्भावस्था के दौरान आप को यूटीआई संक्रमण के लक्षणों के बारे में जानकारी होना बहुत जरुरी है ताकि संक्रमण फैलने से पहले ही इसका उचित उपचार किया जा सके।

यूटीआई संक्रमण के लक्षण
- मूत्र त्याग करने के दौरान दर्द होना
- मूत्र का रंग पीला पड़ना
- मूत्र खून आना
- योनि में दर्द और जलन होना
- पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
- कमर के निचले हिस्से मैं दर्द का होना
- मूत्र त्याग करने में बहुत समय लगना
- सेक्स के दौरान दर्द होना या सेक्स के बाद दर्द होना
- बार-बार पेशाब आना
- मूत्र से दुर्गन्ध आना
- हल्का बुखार होना
- मितली या उल्टियां होना
अगर आप को यूटीआई संक्रमण के ऊपर दिए कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। संक्रमण से बचने का सबसे आसान और कारागर उपाय है की आप अपने मूत्र मार्ग और जननांगों की सफाई का बहुत ध्यान रखें। सफाई के दुवारा आप इस संक्रमण से पूरी तरह से बच सकती हैं।
यूटीआई के गंभीर लक्षण
यूटीआई संक्रमण के संक्रमण में बुखार और उलटी का आना बहुत ही आम बात है। लेकिन अगर बुखार उल्टी, दस्त, कंपकपी छूटना जैसे लक्षण एक साथ दिखे तब यह बहुत ही गंभीर स्थिति हो सकती है। इन स्थितियों में आप को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।

इन लक्षणों में डॉक्टर आप को यूरिन टेस्ट की सलाह दे सकता है ताकि यूरिन टेस्ट के जरिये यूटीआई संक्रमण का पता चल सके। अगर टेस्ट में यूटीआई संक्रमण की बात साबित होती है तो डॉक्टर जल्द ही इसका इलाज शुरू कर देगा।
यूटीआई संक्रमण में समय पे इलाज न मिल पाने की वजह से संक्रमण किडनी तक फ़ैल सकता है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं में संक्रमण की वजह से समय पूर्व प्रसव या जन्म के समय शिशु का कम वजन जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। समय पे यूटीआई संक्रमण का इलाज बच्चे को संक्रमित होने से बचता है।

यूटीआई संक्रमण से बचाव
- अपने यूरिन को रूकने की कोशिश न करें। जैसे ही आप को यूरिन का एहसास हो तुरंत शौचालय का उपयोग करें
- हर बार मूत्र त्याग करने के बाद अपने जननांगों की सफाई अच्छी तरह से करें।
- शौचालय इस्तेमाल करने से पहले उसमे पानी बहा दें। शौचालय में पानी बहाने से पहले आप उसमे फिनाइल भी मिला सकती हैं।
- जितना हो सके बहार के शौचालय (सार्वजनिक शौचालय) का इस्तेमाल करने से बचें।
- घर के शौचालय की सफाई हर दिन सुनिश्चित करें।
- मूत्र त्याग के बाद या सेक्स के बाद योनि क्षेत्र को धोने के लिए किसी माइल्ड क्लीनजर का का इस्तेमाल करें।
- खूब तरल पदार्थ का सेवन करें।

कम पानी पीना भी वजह है यूटीआई संक्रमण का
आप को दिन में कम से कम 12 गिलास पानी पीना चाहिए। इतना पानी पिने से मूत्र त्याग के जरिये संक्रमण शरीर से बहार निकलता रहता है। साथ ही मूत्र गाढ़ा भी नहीं होता है और न ही पिले रंग का होता है।

गर्भावस्था के दौरान ये सावधानियां बरतें
- गर्भावस्था के दौरान आप को खूब सारा पानी पीना चाहिए। अगर आप को पहले भी यूटीआई संक्रमण हो चूका है तो आप को इसका पालन करना और भी आवश्यक है। खूब पानी पिने से अंदर का संक्रमण मूत्र के दुवारा बहार आ जायेगा।
- गर्भावस्था के दौरान खुद से कोई भी दवा लेने से बचें। हर दवा को डॉक्टर से पूछने के बाद ही लें। कुछ दवाओं के सेवन से शरीर की रोग-प्रतिरोधक छमता प्रभावित होती है और इस वजह से यूटीआई संक्रमण लगने का खतरा बढ़ जाता है।
- गर्भावस्था के दौरान रोगप्रतिरोधक छमता सामान्य से कम होती है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान योनि क्षेत्र की सफाई का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
- पेशाब आने पे इसे बिलकुल भी नहीं रोकें। ज्योँ हो आप को पेशाब लगे सारा काम रोक के तुरंत पेशाब करने जाएँ। पेशाब करने के बाद सफाई बरतें। पेशाब करने से पहले शौचालय में एक मग पानी बहा दें।

गर्भावस्था में यूटीआई से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी
- गर्भावस्था में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन 20 से 50 वर्ष तक के उम्र के बीच की किसी भी महिला को हो सकता है।
- ये इन्फेक्शन किडनी से आरंभ होकर ट्यूब्स से मूव करता हुआ यह यूरिनरी ट्रैक्ट यानी की मूत्र मार्ग तक पहुँचात है।
- यूटीआई संक्रमण योनी में बैक्टीरिया या फंगस के संक्रमण की वजह से होता है।
- अगर यूटीआई संक्रमण लगातार ब्लैडर और किडनी को प्रभावित करता है तो इसके बैक्टीरिया का खून में शामिल होने की सम्भावना बढ़ जाती है। अगर ऐसा हुआ तो ये स्थिति गर्भावस्था के लिए खतरनाक हो सकती है।
- गर्भावस्था के दौरान यूटीआई का समय पे इलाज नहीं करवाने पे होने वाले बच्चे पे इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।
- गर्भावस्था के दौरान लगातार समय-समय पे यूटीआई संक्रमण का पता लगाने के लिए यूरिन टेस्ट करवाते रहना चाहिए और समय पे सही इलाज करवाना चाहिए। इस तरह से proactive बने रहने से होने वाले बच्चे को नुकसान होने से बचाया जा सकता है।
- संसार भर में हुए अनेकों शोध में यह बात यह बात सामने आयी है की गर्भावस्था में यूटीआई संक्रमण का खतरा बहुत बढ़ जाता है। ये इस वजह से होता है क्योँकि इस दौरान बच्चे के गर्भ में बढ़ने की वजह से यूरिनरी ट्यूब पर दबाव बढ़ता है जो यूरिन पास करने में मुश्किल पैदा करता है यूटीआई संक्रमण के सम्भावना को बढ़ा देता है।
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