Category: प्रेगनेंसी
By: Admin | ☺10 min read
यूटीआई संक्रमण के लक्षण, यूटीआई संक्रमण से बचाव, इलाज। गर्भावस्था के दौरान क्या सावधानियां बरतें। यूटीआई संक्रमण क्या है? यूटीआई का होने वाले बच्चे पे असर। यूटीआई संक्रमण की मुख्या वजह।
गर्भवती महिला के लिए गर्भावस्था एक बहुत ही महत्वपूर्ण पल होता है। इस समय स्त्री को अपने होने वाले बच्चे के लिए अपने शारीर का विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है।
लेकिन बहुत कोशिशों के बाद भी कुछ ऐसी बीमारियाँ है जो आसानी से पीछा नहीं छोडती हैं। यूटीआई उन चुनिन्दा बिमारियौं में से एक है।
यूँ तो महिलाओं को यूटीआई किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन इसके होने की सम्भावना सबसे ज्यादा गर्भावस्था के दौरान रहती है। नवविवाहित और गर्भवती महिलाओं में यूटीआई का होना बहुत ही आम बात है। महिलाओं के लिए यूटीआई बहुत ही कष्टकारी बीमारी है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं का मूत्रमार्ग छोटा होता है इस वजह से उनमें मूत्रमार्ग सम्बन्धी समस्या होने की सम्भावना ज्यादा रहती है।
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यूटीआई का सीधा सा अर्थ होता है 'यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन'। इसका मतलब है मूत्रमार्ग का संक्रमण। यूटीआई संक्रमण स्त्रियोँ में होना बहुत ही आम बात है।
लेकिन अगर आप गर्भवती हैं तो आप को यूटीआई संक्रमण से बचने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। क्योँकि यूटीआई संक्रमण का आप के गर्भ में पल रहे बच्चे पे बुरा असर पड़ सकता है।
यूटीआई का संक्रमण एक बैक्टीरिया के वजह से होने वाला इन्फेक्शन है। इस बैक्टीरिया को ईककोलाई कहते हैं और इससे संक्रमण मूत्र मार्ग के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
यूटीआई का संक्रमण फंगस और परजीवी की वजह से भी हो सकता है। यह संक्रमण किडनी, यूरिनरी ब्लैडर और युरेथ्रा को भी प्रभावित कर सकता है।
गर्भावस्था के दौरान स्त्रियोँ में यूटीआई संक्रमण के मामले कम ही देखने को मिलते हैं। लेकिन अगर यूटीआई संक्रमण हो जाते तो यह बहुत ही चिंता का विषय भी है।
गर्भावस्था के दौरान आप को यूटीआई संक्रमण के लक्षणों के बारे में जानकारी होना बहुत जरुरी है ताकि संक्रमण फैलने से पहले ही इसका उचित उपचार किया जा सके।
अगर आप को यूटीआई संक्रमण के ऊपर दिए कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। संक्रमण से बचने का सबसे आसान और कारागर उपाय है की आप अपने मूत्र मार्ग और जननांगों की सफाई का बहुत ध्यान रखें। सफाई के दुवारा आप इस संक्रमण से पूरी तरह से बच सकती हैं।
यूटीआई संक्रमण के संक्रमण में बुखार और उलटी का आना बहुत ही आम बात है। लेकिन अगर बुखार उल्टी, दस्त, कंपकपी छूटना जैसे लक्षण एक साथ दिखे तब यह बहुत ही गंभीर स्थिति हो सकती है। इन स्थितियों में आप को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
इन लक्षणों में डॉक्टर आप को यूरिन टेस्ट की सलाह दे सकता है ताकि यूरिन टेस्ट के जरिये यूटीआई संक्रमण का पता चल सके। अगर टेस्ट में यूटीआई संक्रमण की बात साबित होती है तो डॉक्टर जल्द ही इसका इलाज शुरू कर देगा।
यूटीआई संक्रमण में समय पे इलाज न मिल पाने की वजह से संक्रमण किडनी तक फ़ैल सकता है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं में संक्रमण की वजह से समय पूर्व प्रसव या जन्म के समय शिशु का कम वजन जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। समय पे यूटीआई संक्रमण का इलाज बच्चे को संक्रमित होने से बचता है।
आप को दिन में कम से कम 12 गिलास पानी पीना चाहिए। इतना पानी पिने से मूत्र त्याग के जरिये संक्रमण शरीर से बहार निकलता रहता है। साथ ही मूत्र गाढ़ा भी नहीं होता है और न ही पिले रंग का होता है।