Category: प्रेगनेंसी
By: Admin | ☺9 min read
गर्भावस्था के दौरान स्त्रियौं को सुबह के वक्त मिचली और उल्टी क्योँ आती है, ये कितने दिनो तक आएगी और इसपर काबू कैसे पाया जा सकता है और इसका घरेलु उपचार। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं के शारीर में ईस्ट्रोजेन हॉर्मोन का स्तर बहुत बढ़ जाता है जिस वजह से उन्हें मिचली और उल्टी आती है।
गर्भावस्था के दौरान करीब 80 से 85 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस का सामना करना पड़ता है।
मॉर्निंग सिकनेस का मतलब है गर्भावस्था के दौरान सुबह के वक्त मिचली और उल्टी से है। गर्भावस्था के दौरान विभिन्न चरणों में गर्भवती स्त्री किसी-ना-किसी स्तर पे मिचली और उल्टी महसूस करती है।
हालाँकि इसे "मॉर्निंग सिकनेस" कहा जाता है लेकिन गर्भवती स्त्री को सुबह, दोपहर या रात कभी भी मिचली और उल्टी का सामना करना पड़ सकता है।
गर्भावस्था के दौरान स्त्रियौं को सुबह के वक्त मिचली और उल्टी क्योँ आती है, ये कितने दिनो तक आएगी और इसपर काबू कैसे पाया जा सकता है, इसके बारे में आप इस लेख में पढेंगे।
मोटा मोटी आप इतना समझ लीजिये की गर्भावस्था के दौरान आप के शारीर में हो रहे तमाम बदलाव के कारण महिलाओं को इसका सामना करना पड़ता है।
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं के शारीर में ईस्ट्रोजेन हॉर्मोन का स्तर बहुत बढ़ जाता है जिस वजह से उनकी
ऊपर दिए चारों लक्षणों को सयुंक्त रूप से मॉर्निंग सिकनेस के नाम से जाना जाता है।
कोई भी दो गर्भावस्थाएं एक जैसे नहीं होती है। पहली बार जब आप गर्भवती हुई हों तो जिन लक्षणों और शारीरिक परेशानियौं का सामना आप को करना पड़ा था, जरुरी नहीं की आप को दूसरी प्रेगनेंसी में उन्ही लक्षणों का सामना करना पड़े।
यह भी पढ़ें: गर्भावस्था में तीन बार से ज्यादा उलटी है खतरनाक
इसीलिए ठोस तरीके से इस बात को नहीं कहा जा सकता है की आप को कब तक मिचली और उल्टी (मॉर्निंग सिकनेस) का सामना करना पड़ेगा। ये कुछ सप्ताह से लेकर कुछ महीनो तक भी चल सकता है।
कुछ मामलों में गर्भवती महिलाओं को पुरे गर्भावस्था के दौरान मिचली और उल्टी (मॉर्निंग सिकनेस) का सामना करना पड़ सकता है।
यह भी पढ़ें: गर्भ में लड़का होने के क्या लक्षण हैं?
मॉर्निंग सिकनेस से पूरी तरह से बचा तो नहीं जा सकता है, लेकिन आप इसके तीव्रता को कम कर सकती हैं। इससे बहुत हद तक बच भी सकती हैं।
गर्भवती महिलाओं को अक्सर किसी विशेष गंध से ज्यादा परेशानी होती है। ये गंध उनके अन्दर मिचली और उल्टी की भावना को कई गुणा बढ़ा देती है।
उदहारण के लिए आलू, जीरा, भुना हुआ प्याज या लहसून। कुछ महिलाओं को तो पकते हुए चावल से भी मिचली और उल्टी आने लगतीं है।
आप उन सभी कारणों का पता कीजिये जिन से की आप को मिचली और उल्टी आती है और उनसे दूर रहने की कोशिश करें।
यह भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी में उल्टी और मतली अच्छा संकेत है - जानिए क्योँ?
गर्भावस्था के दौरान मिचली और उल्टी (मॉर्निंग सिकनेस) के कारण कई बार ऐसा होता है की बार बार उल्टी की वजह से पेट में खाना नहीं रह पता है।
जबकि गर्भावस्था में खाना बहुत महत्वपूर्ण है क्यूंकि पौष्टिक आहार ग्रहण करने से ही बच्चे को माँ के आहार से पोषण मिलता है।
यह भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी में खतरनाक है यूटीआई होना - लक्षण, बचाव और इलाज
कई बार तो मिचली और उल्टी (मॉर्निंग सिकनेस) की वजह से गर्भवती महिलाओं को खाना खाने का मन भी नहीं करता है।
लेकिन अगर गर्भवती महिला समय पे हर दिन पोषक आहार ना खाए तो कई प्रेगनेंसी में कई प्रकार की जटिलताएं भी उत्पन हो सकती हैं जैसे की
इसका बच्चे पे बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। हालाँकि बार बार उल्टी की वजह से इतनी गंभीर स्थिति उत्पन होना बहुत दुर्लभ बात है, लेकिन अगर ऐसा हो तो आप को तुरंत अपने डोक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
जरुरत पड़ी तो आप का डोक्टर आप को कुछ दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती भी कर सकता है ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे की अच्छी सेहत सुनिश्चित की जा सके।
जब तक आप पौष्टिक आहार ग्रहण कर रही हैं, गर्भावस्था के दौरान उपवास नहीं रख रही हैं, और उल्टी और मतली के बावजूद भी आप भोजन को पेट में बनाए रखने में समर्थ हैं, आप के बच्चे का विकास अच्छी तरह से होगा। उसकी सेहत को कोई खतरा नहीं है।
अगर आप मॉर्निंग सिकनेस का सामना कर रही हैं तो इस बात का अंदाजा आप को लग गया होगा की आप किन आहारों को आसानी से पचा लेती हैं और किन आहारों से आप को परेशानी होती है। जिन आहारों से आप को उलटी की संकेत मिलते हैं, उन आहारों को खाने से बचे।
आप थोडा-थोडा दिन में कई बार भी खा सकती हैं ताकि आहार आप के पेट में टिके और आप उलटी से बच सके।
आप अपने भोजन के लिए ऐसे आहारों का सेवन करें जिसमे आप के बच्चे के विकास के लिए सभी जरुरी पोषक तत्व जैसे की विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्र में हों।
Popular Tags
गर्भावस्था में उल्टी आने के संकेत और लक्षण - Signs and symptoms of morning sickness in pregnancy in हिंदी, प्रेगनेंसी में उल्टी और मतली के कारण - Morning sickness causes in pregnancy in हिंदी, गर्भावस्था में आने वाली उल्टियों का निदान - Pregnancy morning sickness diagnosis in हिंदी, गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस से बच्चे और मां के लिए क्या जोखिम होते हैं - Risks to mother and child due to Morning Sickness in हिंदी, प्रेगनेंसी में मॉर्निंग सिकनेस होने पर काम कैसे करें - How to do work during morning sickness in pregnancy in हिंदी, मॉर्निंग सिकनेस का मतलब, गर्भवती को उलटी होना
गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस से बचने का सबसे आसन तरीका है की आप ऐसे भोजन और गंधों से दूर रहें जो आप को उलटी के लिए प्रेरित करते हैं। इसके आलावा निचे दिए तरीकों को भी अपनाएं:
अगर आप नौकरी करती हैं तो गर्भावस्था के दौरान आप की सबसे बड़ी चुनौती ये हो सकती है की आप दफ्तर में अपना ख्याल कैसे रखें और उलटी और मिचली आने पे क्या करें।
निचे हम आप के लिए कुछ सुझाव दे रहे हैं।
प्रेगनेंसी में महिलाओं के शारीर में बहुत तेज़ी से बहुत से बदलाव होते हैं। ये बदलाव गर्भवती महिला के शारीर को शिशु के उचित विकास के लिए तयार करता है।
महिला के शारीर में होने वाले बदलाव प्रेग्नेंसी से लेकर, प्रसव और उसके कुछ समय बाद तक होते ही रहते हैं। इन बदलावों में सबसे प्रमुख बदलाव है महिलाओं के शारीर में प्रेग्नेंसी हार्मोन का बनना।
इस हॉर्मोन की वजह से महलाओं के शरीर में भीतरी और बाहरी दोनों तरफ बदलाव होते हैं। गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव की वजह से ही महिलाओं को उलटी और मितली का सामना भी करना पड़ता है।
जैसे ही स्त्री गर्भवती होती है। उसके शारीर में प्रेग्नेंसी हार्मोन (hCG) का निर्माण होना शुरू हो जाता है। जिस स्त्री के शारीर में जितना ज्यादा इस हॉर्मोन का निर्माण होता है उस स्त्री को उतना ज्यादा उल्टी और मतली की समस्या का सामना भी करना पड़ता है।
जिन महिलाओं को गर्भकाल के दौरान उल्टी और मतली की समस्या नहीं होती है, इसका मतलब है की उनके शारीर में पर्याप्त मात्र में प्रेग्नेंसी हार्मोन का निर्माण नहीं हो रहा है। इसका मतलब यह भी हो सकता है की शारीर में कोई ना कोई और समस्या जरुर है।
Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। आपका चिकित्सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।