Category: शिशु रोग
By: Salan Khalkho | ☺6 min read
छोटे बच्चों के मसूड़ों के दर्द को तुरंत ठीक करने का घरेलु उपाय हम आप को इस लेख में बताएँगे। शिशु के मसूड़ों से सम्बंधित तमाम परेशानियों को घरेलु नुस्खे के दुवारा ठीक किया जा सकता है। घरेलु उपाय के दुवारा बच्चों के मसूड़ों के दर्द को ठीक करने का सबसे बड़ा फायेदा ये होता है की उनका कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं होता है। यह शिशु के नाजुक शारीर के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं और इनसे किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन होने का भी डर नहीं रहता है। लेकिन बच्चों का घरेलु उपचार करते समय आप को एक बात का ध्यान रखना है की जो घरेलु उपचार बड़ों के लिए होते हैं - जरुरी नहीं की बच्चों के लिए भी वह सुरक्षित हों। उदाहरण के लिए जब बड़ों के मसूड़ों में दरद होता है तो दांतों के बीच लोंग दबा लेने से आराम पहुँचता है। लेकिन यह विधि बच्चों के लिए ठीक नहीं है क्यूंकि इससे बच्चों को लोंग के तेल से छाले पड़ सकते हैं। बच्चों के लिए जो घरेलु उपाय निर्धारित हैं, केवल उन्ही का इस्तेमाल करें बच्चों के मसूड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए।
जैसा की मैंने आप को ऊपर बताया की बड़ों के लिए इस्तेमाल होने वाले घरेलु उपाय बच्चों पे नहीं आजमायें, इसीलिए जरुरी है की आप जब बच्चों से सम्बंधित शारीरिक तकलीफों के बारे में इन्टरनेट पे कुछ खोज रही हों तो केवल उन्ही वेबसाइट को पढ़ें जो केवल बच्चों के स्वस्थ के बारे जानकारी दें। गलत जानकारी से बच्चों के स्वस्थ लाभ के बजाये उन्हें हानी भी हो सकती है।
अगर नये दांत के आने की वजह से आप के शिशु के दातों में दर्द और मसूड़ों में सुजन है तो आप निम्न घरेलु उपये अपना सकती हैं:
बच्चों में मसूड़ों का दर्द एक आम बात है और यह कई कारणों से हो सकता है - उदहारण के लिए नये दातों का आना या दातों की गन्दगी के कारण संक्रमण। कारण चाहे जो भी हो - बच्चों के मसूड़ों के दर्द को हलके में नहीं लेना चाहिए।
अगर शुरुआत में ही ध्यान नहीं रखा जाये तो मसूड़ों की यह समस्या आगे चलके बीमारी का रूप भी ले सकती है। यानो की मसूड़ों का दर्द होने वाली बीमारी के संकेत हैं और अगर शुरू में ही इनका इलाज करदिया जाये तो आगे चलके बच्चे मसूड़ों के गंभीर समस्या से बच सकते हैं।
मसूड़ों का सुजन बच्चों में एक आम समस्या है और यह मसूड़ों के बीमारी का भी संकेत हैं। माता - पिता को मसूड़ों के सुजन सम्बन्धी संकेतों को समझना जरुरी है।
मसूड़ों के तकलीफ का पता लगाना आसान काम है। अगर शिशु मसूड़ों में दर्द की शिकायत करे तो मसूड़ों सम्बन्धी बीमारी का पता लगाने का यह एक तरीका है।
लेकिन कई बार मसूड़ों में तकलीफ होने के बावजूद बच्चों को इसका पता नहीं चलता है। ऐसे स्थिति में आप को ऐसे लक्षणों को देखना पड़ेगा जो मसूड़ों की बीमारी के तरफ इशारा करते हैं।
उदाहरण के लिए अगर सुबह मुह धोते समय शिशु के दातों से खून निकले, उसके मसूड़ों या गाल में सुजन दिखे, या उसके मसूड़े फुले हुए और सामान्य से ज्यादा लाल दिखे तो ये मसूड़ों के बीमारी के लक्षण हो सकते हैं।
अगर आप का शिशु किसी विशेष प्रकार के आहार को खाते वक्त दिक्कतों का सामना करे तो यह भी मसूड़ों से सम्बंधित बीमारी की तरफ संकेत करता है।
बच्चे अक्सर दर्द या तकलीफ को छुपाने की कोशिश करते हैं। इसीलिए आप उनसे खुल कर पूछें। पूछने पे अगर कोई तकलीफ होगा तो वे बता देंगे।
अगर आप के शिशु के दातों या मसूड़ों में दर्द है तो डॉक्टर से मिलने से पहले आप कुछ बातों का ख्याल रखना शुरू कर दें। सम्भावना है की निम्न बातों पे ध्यान देने भर से आप के शिशु के दातों का दर्द ख़त्म हो जायेगा।
बच्चों के मसूड़ों का घरेलु इलाज सबसे बेहतर है, लेकिन यह भी जानना बहुत जरुरी है की कब आप को डॉक्टर से मिलना चाहिए। अगर आप अपने बच्चे में परिस्थिति देखें तो अपने बच्चे को दातों के डोक्टर से जरुर दिखाएँ:
ऊपर बतेये गए परिस्थिति में आप को अपने शिशु के डोक्टर (दांत विशेषज्ञ) से तुरंत मिलना चाहिए।