Category: स्वस्थ शरीर

शिशु में डायपर रैशेस से छुटकारा पाने का तुरंत उपाय

By: Salan Khalkho | 15 min read

बहुत लम्बे समय तक जब बच्चा गिला डायपर पहने रहता है तो डायपर वाली जगह पर रैशेस पैदा हो जाते हैं। डायपर रैशेस के लक्षण अगर दिखें तो डायपर रैशेस वाली जगह को तुरंत साफ कर मेडिकेटिड पाउडर या क्रीम लगा दें। डायपर रैशेज होता है बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह से और मेडिकेटिड पाउडर या क्रीम में एंटी बैक्टीरियल तत्त्व होते हैं जो नैपी रैशिज को ठीक करते हैं।

diaper rash in hindi

छोटे बच्चों में डायपर रैशेस (diaper dermatitis) एक बेहद आम समस्या है। आप के भी नवजात शिशु को डायपर रैशेस की समस्या कभी न कभी जरूर सतायी होगी। 

डायपर रैशेज, डायपर से होने वाले बहुत से डायपर साइड इफेक्ट मैं से एक है।  बच्चो को डायपर से होने वाले दानों का घरेलू और नैचुरल उपचार बेहद आसान है। 

बदलते जीवन शैली में बच्चों के डायपर के प्रयोग से व्यस्त जीवन को काफी सहूलियत मिली है। सूती के नैपी का इस्तेमाल सब से बेहतर है बच्चों के लिए, मगर इसके प्रयोग से बच्चे के कपडे बार बार गीले होते है जिन्हे बार बार बदलना पड़ता है। 

 

डायपर के प्रयोग से कपडे बार बार गीले नहीं होते और पेरेंट्स को बहुत सुविधा हो जाती है। डायपर के प्रयोग अगर सावधानी से किया जाये तो बच्चे तथा माँ-बाप सबका जीवन काफी आसान हो जाता है। 

डायपर को इस तरह बनाया गया है की उसमे नमी सोखने की छमता होती है। सूती की नैपी बच्चे की त्वचा के लिए अच्छी है पर इसमें डायपर के मुकाबले नमी सोखने की छमता काम होती है। 

एक डायपर कम से कम 12 सूती के नैपी की नमी के बारब नमी सोख सकता है। अच्छे ब्रांड का डायपर पुरे रात भर आप के बच्चे के कपड़ों को सूखा और साफ रख सकता है।  

जैसा की pampers active baby डायपर। मगर डायपर के नुकसान भी हैं या यूँ कहें की डायपर साइड इफेक्ट भी होते हैं। 

इस लेख मैं:

  1. डायपर रैशेज क्योँ होता है?
  2. डायपर रैशेस वाली जगह पर लाल चक्कते - डायपर रैशेज के लक्षण
  3. डायपर रैशेज से बचाव
  4. शिशु को डायपर रैशेस से छुटकारा दिलाने के घरूले नुस्खे
  5. डायपर रैशेस वाली जगह की सफाई
  6. नारियल तेल
  7. पेट्रोलियम जेली
  8. डायपर रैशेस में वेट वाइप्स का इस्तेमाल
  9. सूती के नैपी का इस्तेमाल
  10. सूती के नैपी से डायपर रैश 
  11. डायपर के इस्तेमाल में बरतें ये सावधानी
  12. डायपर रैशेज का घरेलु उपचार
  13. एलोवेरा से डायपर रैश का उपचार
  14. मकई के आटे से डायपर रैश का इलाज
  15. नारियल के तेल से डायपर रैश का उपचार
  16. केमोमाइल चाय और डायपर रैश
  17. डायपर रैश के उपचार में टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल
  18. वैसलीन पेट्रोलियम जैली दे डायपर रैश में आराम
  19. डायपर रैश से आराम दे बेकिंग सोडा
  20. डायपर रैश का इलाज दही से
  21. दूध दे आराम डायपर रैश मैं
  22. Video: बच्चो को डायपर से होने वाले दानों का घरेलू और नैचुरल उपचार

  डायपर रैशेज क्योँ होता है? Why diaper rash happens in children?

बहुत लम्बे समय तक जब बच्चा गिला डायपर पहने रहता है तो डायपर वाली जगह पर रैशेस पैदा हो जाते हैं। ऐसा इस लिए होता है क्योँकि डाइपर वाली जगह पर हवा बहुत देर तक नहीं पहुँच पाती। ये डायपर के नुकसान हैं। डायपर रैशेज दो वजह से होता है - स्किन एलर्जी तथा बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह से। 

1. डायपर रैशेज क्योँ होता है - cause of diaper rash in babies in hindi

डायपर रैशेस वाली जगह पर लाल चक्कते - डायपर रैशेज के लक्षण (symptoms of diaper rash)

बच्चे के शरीर पर डायपर रैशेस वाली जगह पर त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं जिसके वजह से आप डायपर रैशेस को पहचान सकती हैं। 

डायपर रैशेज के लक्षण - symptoms of dyper rash in hindi

डायपर रैश होने पे क्या करना चाहिए - what you should do in case of diaper rash

डायपर रैश होने पे क्या नहीं करें - what you should not do in case of diaper rash

डायपर रैशेज से बचाव - How to prevent diaper rash in children?

डायपर रैशेस से बचाव का सबसे अच्छा उपाय है की बच्चे को बहुत देर तक गिला डायपर पहना कर न रखें। अगर बच्चा घर पर है तो दिन में डायपर ही न पहनाये। ऐसा करने पे आप बच्चे को डायपर रैशेस और इन्फेक्शन दोनों से बचा सकते हैं। डायपर रैशेस के लक्षण अगर दिखें तो डायपर रैशेस वाली जगह को तुरंत साफ कर मेडिकेटिड पाउडर या क्रीम लगा दें। डायपर रैशेज होता है बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह से और मेडिकेटिड पाउडर या क्रीम में एंटी बैक्टीरियल तत्त्व होते हैं जो बैक्टीरियल इन्फेक्शन को समाप्त करता है। डायपर रैशेज त्वचा की एलर्जी के कारण भी होता है। मेडिकेटिड पाउडर या क्रीम इसमें भी मदद करता है।  

डायपर रैशेज से बचाव - prevention from diaper rash in hindi

शिशु को डायपर रैशेस से छुटकारा दिलाने के घरूले नुस्खे - Home remedy to cure diaper rash in babies

डायपर रैशेस की समस्या एक आम बात है क्योँकि अगर बच्चे को कभी बहार घूमने ले गए तो, या फिर जब आप यात्रा कर रहें हैं तो निश्चित समय पे डायपर बदलना कभी-कभी संभव नहीं हो पता है। ऐसे मे डायपर रैशेस का खतरा बन जाता है। मगर कुछ घरूले नुस्खे हैं जिनका इस्तेमाल कर आप अपने बच्चे को डायपर रैशेस से छुटकारा दिला सकते हैं। 

डायपर रैशेज का घरेलु उपचार - home remedy for diaper rash

डायपर रैशेस वाली जगह की सफाई - How to clean the diaper rash area?

अपने बच्चे को डायपर रैशेस वाली जगह पर हलके गुनगुने पानी से सफाई करें। सफाई के लिए सूती कपडे का ही इस्तेमाल करें। इससे बच्चे को आराम मिलेगा। सफाई करते वक्त आम साबुन का इस्तेमाल न करें। आम साबुन केमिकल युक्त होता है और इसके इस्तेमाल से बच्चे को जलन हो सकता है। कुछ साबुन विशेष कर बच्चों के लिए बनाये जाते हैं। अपने डॉक्टर की सलाह पर इन बच्चो वाले साबुन (baby soap) का इस्तेमाल करें। डायपर रैशेस त्वचा की एलर्जी और इसी वजह से साबुन का इस्तेमाल जलन पैदा कर सकता है। स्किन एलर्जी का इलाज करते वक्त जो सावधानियां बरतनी हैं वही सावधानियां यहां भी आपको बरतनी पड़ेंगी ताकि बच्चे को तकलीफ न हो। 

डायपर रैश की सफाई - cleaning the diaper rash area in hindi

नारियल तेल - Treating diaper rash with Coconut oil 

बच्चों को डायपर रैशेज से बचाने में नारियल का तेल काफी कारगर है। नारियल का तेल बच्चे की त्वचा पर पनप रहे यीस्ट, फंगस या माइक्रोबियल इंफेक्शन को ख़तम करता है और भविष्य में  होने से बचाता है। शिशु के शरीर पर डायपर रैशेस वाली जगह पर नारियल ता तेल लगाएं। ऐसा करने से यीस्ट, फंगस या माइक्रोबियल इंफेक्शन तो ख़तम होंगे ही साथ ही साथ बच्चे को लाल चकत्ते  से भी आराम मिलेगा। एक बात और नारियल का तेल बच्चे की त्वचा पे नमी बनाये रखने में भी मदद करता है। 

नारियल तेल - method to use coconut oil to treat diaper rash

पेट्रोलियम जेली - Treatment of diaper rash with petroleum jelly 

नारियल के तेल की तरह पेट्रोलियम जेली भी बच्चे की त्वचा पे नमी बनाये रखने में मदद करता है और साथ ही डायपर रैशेस से आराम भी पहुंचता है। डायपर रैशेस  से होने वाली जलन को भी पेट्रोलियम जेली ख़तम करता है। और बच्चे के त्वचा के बीच होने वाले फ्रिक्शन को काम करता है। 

Vaseline-Petroleum-jelly- पेट्रोलियम जेली to treat diaper rash

डायपर रैशेस में वेट वाइप्स का इस्तेमाल - Avoid wet wipes in case of diaper rash

डायपर रैशेस वाली जगह को वेट वाइप्स से साफ न करें। इससे  जलन बढ़ सकती है और नमी घाट सकती है। डायपर वाली जगह पर त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। इसी स्थिति को डायपर रैशेज कहा जाता है। डायपर रैशेस एक प्रकार की त्वचा की एलर्जी है।  

डायपर रैशेस में वेट वाइप्स - dont use wet wipes in diaper rash

सूती के नैपी का इस्तेमाल - Use cotton nappy to avoid diaper rash 

बच्चों के लिए सूती का नैपी सबसे अच्छा विकल्प है। शिशुओं को डायपर रैशेज होने पर सूती का नैपी तब तक पहनाये जब तक डायपर रैशेस पूरी तरह समाप्त न हो जाये। अगर आप घर पर ही हैं तो बच्चे को पूरा दिन सूती का नैपी ही पहना के रखें। सूती के नैपी से डायपर रैशेस ख़तम ही नहीं होता बल्कि इसके पुनः होने की संभावना भी समाप्त हो जाती है। 

सूती के नैपी बचाये डायपर रैश से - cotton nappies prevent diaper rash

सूती के नैपी से डायपर रैश 

सिर्फ लीक प्रूफ डायपर से ही डाइपर रैश नहीं होता बल्कि सूती के नैपी से भी डायपर रैश का खतरा बना रहता है। सूती के नैपी को अगर आप स्ट्रॉन्ग डिटरडेंट में धो रहे हैं तो बच्चे के स्किन पे डिटरजेंट के कैमिकल्स की वजह से डायपर रैशिज हो सकता है। नैपी रैशिज से बच्चे को काफी तकलीफ होती है और इससे बचा भी जा सकता है। सूती के नैपी को वूलेन डिटर्जेंट में धोएं और इस तरह धोएं की डिटर्जेंट पूरी तरह निकल जाये। सूती के नैपी में अगर डिटरजेंट के कैमिकल्स नहीं होंगे तो बच्चे को रैश भी नहीं होगा। 

डायपर के इस्तेमाल में बरतें ये सावधानी - Precautions while using baby diaper

  1. अगर बच्चा मल त्याग किया हो तो डायपर तुरंत बदलें। तुरंत न बदलने पे बच्चे की त्वचा को नुकसान हो सकता है। डायपर वाली जगह पे त्वचा छील सकती है या काट सकती है। बच्चे की त्वचा को गीले डायपर से कई तरह के नुकसान भी हो सकते हैं। पेशाब में यूरिया, एसिड एवं अमोनिया आदि होते हैं जो बच्चे के कोमल त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। 
  2. अगर आप बच्चे को डायपर पहनाये तो हर २-३ घंटे पे पीछे हाथ लगा कर जांच करते रहें की डायपर ज्यादा गिला तो नहीं हो गया। अगर डायपर जाली जल्दी गिला हो जा रहा है तो उसे जल्दी जल्दी बदल दें। बहुत देर तक गिला डायपर न पहने रहने दें। 
  3. डायपर की ऊपरी परत हमेशा सुखी रेहनी चाहिए। अगर डायपर से पानी रिसेने (diaper leak) लगे तो और बच्चे का कपडा भीग जाये तो तुरंत डायपर बदल दें। 
  4. डायपर बदलते वक्त अगर डायपर वाली जगह पे त्वचा पे खुजली, सूजन या त्वचा लाल हो जाये, डायपर न पहनाएं। तबतक न पहनाये जब तक की बच्चे की त्वचा फिर से ठीक न हो जाये। डायपर रैशेस होने पर त्वचा बेहद संवेदनशील (sensitive) हो जाती है। ऐसे में इमोजिएंट क्रीम लगाने से त्वचा को आराम मलेगा। 
  5. गिला डायपर अधिक देर तक पहने रहने से गल इंफैक्शन भी हो सकती है। अगर संक्रमण (डायपर रैशेज) अधिक दिनों तक बना रहता है तो बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। 
  6. यात्रा करते वक्त अगर आप अपने बच्चे को पुरे वक्त डायपर पहनाए रख रहे हैं तो हर आधे घंटे चेक करने की आदत दाल लीजिये। गिला डायपर लम्बे समय तक पहने रहने से इन्फेक्शन और डायपर रैशेज का खतरा बना रहता है। 
  7. लीक प्रूफ डायपर है तो बड़ा मददगार। विशेषकर जब आप घर से बहार हों तब। मगर डायपर के अपने साइड इफेक्टस हैं। वो इसलिए क्योँकि डायपर में प्लास्टिक के आलावा अन्य कई टॉक्सिन्स होते हैं जैसे की आर्टिफिशियल कलर, खुशबू के लिए इस्तेमाल केमिकल्स, सोडियम पॉलीक्रायलेट, डाइऑक्सीन्स तथा फैथलेटस। ये ऐसे चेमिकल्स हैं जिनकी वजह से बच्चे को अस्थमा, हॉर्मोनल असंतुलन और कैंसर तक हो सकता है। 
  8. बाजार में कुछ ऐसे भी डायपर भी उपलब्ध हैं जिन में इथाइलबेन्जीन, टॉल्यूइन और जायलीन जैसे वोलेटाइल ऑर्गेनिक कम्पाउंड मौजूद हैं। ये वातावरण में गैस छोड़ते हैं जिनकी वजह से बच्चों की आँखों को इर्रिटेशन हो सकता है और extreme cases मैं बच्चे की इम्यूनिटी तक को कमजोर कर सकता है। 

सूती के नैपी से डायपर रैश - cotton diaper can also cause diaper rash

डायपर रैशेज का घरेलु उपचार

बच्चे की त्वचा पे डायपर रैशेज किसी भी माँ के लिए पीड़ा दायक है। काफी देर गीले में रहने और हवा न मिलने के कारण डायपर रैशेज हो जाता है। इसी लिए समय समय पे देखते रहें की बच्चे का डायपर कहीं गिला तो नहीं हो गया है। फिरभी अगर डायपर रैश हो जाये तो उसके लिए यहां दिए गए घरलू उपचार अपना सकते हैं।

डायपर के इस्तेमाल में बरतें ये सावधानी - precautions you should take while using diaper to prevent diaper rash

एलोवेरा से डायपर रैश का उपचार

एलोवेरा की एक पट्टी को दो भाग में काट लें और तेज़ चाकू की मदद से बीच के गूदे/जेल वाला भाग निकल लें। बच्चे की त्वचा पे जहाँ पे डायपर रैश हुआ है वहां पे इस एलोवेरा जेल को लगाएं। यह डायपर रैश से होने वाले जलन को कम करेगा और तेज़ी से उपचार करेगा। 

एलोवेरा से डायपर रैश का उपचार - treating diaper rash through aloevera

मकई के आटे से डायपर रैश का इलाज 

बच्चे के शरीर पे डायपर रैश वाली जगह पे मकई का आटा छिड़कें और इसके बाद डायपर पहनाएं। जल्द ही बच्चे को डायपर रैश से आराम मिलेगा। 

मकई के आटे से डायपर रैश का इलाज - corn flour for treating diaper rash

नारियल के तेल से डायपर रैश का उपचार

डायपर रैश की वजह से हुए लाल चकते पे हलके से नारियल तेल से मालिश करें। नारियल तेल के स्थान पे जैतून के तेल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे बच्चे को डायपर रैश से आराम मिलेगा। 

नारियल के तेल से डायपर रैश का उपचार - coconut oil is best for treating diaper rash in hindi

केमोमाइल चाय और डायपर रैश

बच्चे के नहाने के पानी मैं कुछ बून्द केमोमाइल चाय की डाल दें। इस पानी से नहलाने से बच्चे को काफी रहत मिलेगा। बाद में बच्चे को तोलिये की मदद से पोछ के डायपर रैश  वाली जगह पे बेकिंग सोडा लगाएं। ये डायपर रैश का बहुत उपयोगी घरेलू उपचार है। 

chamomile tea for treating diaper rash - केमोमाइल चाय और डायपर रैश

डायपर रैश के उपचार में टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल

टी ट्री ऑयल को थोड़े पानी के साथ मिला कर डायपर रैश वाली जगह पे लगाएं। इससे आपके बच्चे को बहुत आराम मिलेगा। 

tea tree oil for treating diaper rash - डायपर रैश के उपचार में टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल

वैसलीन पेट्रोलियम जैली दे डायपर रैश में आराम

मुलायम हातों से बच्चे के डायपर रैश वाली जगह जहाँ लाल चकते पड़े हैं वहां पे लगाएं। इससे बच्चे को दर्द और जलन में राहत मिलेगा और साथ ही डायपर रैश से छुटकारा भी। 

वैसलीन पेट्रोलियम जैली दे डायपर रैश में आराम - vaseline prevents diaper rash

डायपर रैश से आराम दे बेकिंग सोडा

गुनगुने पानी में दो चमच बेकिंग सोडा मिलाएं। रुई की मदद से, आहिस्ते से बच्चे के डायपर रैश वाली जगह पे इसे लगाएं। इसे डायपर रैश में आराम मिलेगा। 

डायपर रैश से आराम दे बेकिंग सोडा - baking soda provides relief from diaper rash

डायपर रैश का इलाज दही से

दही डायपर के साइड इफेक्ट को कम करने में काफी मदगार है विशेषकर अगर डायपर रैश yeast infection के कारण है तो। दही को एक क्रीम की तरह डायपर रैश वाली जगह (त्वचा पर लाल चकत्ते) पे लगाएं। इससे बच्चे को तकलीफ में आराम मिलेगा। 

डायपर रैश का इलाज दही से - curd cures diaper rash

दूध दे आराम डायपर रैश मैं

एक साफ कपडे, रुमाल या रुई की मदद से दूध को डायपर रैश वाली जगह पे लगाएं। डाइपर रैश से हुई सूजन को कम करने मैं दूध काफी मदद करता है। 

दूध दे आराम डायपर रैश मैं - milk eases diaper rash

Video: बच्चो को डायपर से होने वाले दानों का घरेलू और नैचुरल उपचार

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हड्डियाँ-ज्यादा-मजबूत जब बच्चे इस तरह के खेल खेलते हैं तो उनके हड्डीयौं पे दबाव पड़ता है - जिसकी वजह से चौड़ी और घनिष्ट हो जाती हैं। इसका नतीजा यह होता है की इन बच्चों की हड्डियाँ दुसरे बच्चों के मुकाबले ज्यादा मजूब हो जाती है।
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केले का smoothie बनाने की विधि - शिशु आहार
केले-का-smoothie केला पौष्टिक तत्वों का जखीरा है और शिशु में ठोस आहार शुरू करने के लिए सर्वोत्तम आहार। केला बढ़ते बच्चों के सभी पौष्टिक तत्वों की जरूरतों (nutritional requirements) को पूरा करता है। केले का smoothie बनाने की विधि - शिशु आहार in Hindi
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लौकी की प्यूरी बनाने की विधि - शिशु आहार
लौकी-की-प्यूरी बच्चों के नाजुक पाचन तंत्र में लौकी का प्यूरी आसानी से पच जाता है| इसमें प्रचुर मात्रा में मिनरल्स पाए जाते हैं जैसे की कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन A, C. जो बच्चे के पोषण के लिए अच्छा है।
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10 माह के बच्चे का baby food chart (Indian Baby Food Recipe)
10-month-baby-food-chart दस साल के बच्चे के आहार सरणी मैं वो सभी आहार सम्मिलित किया जा सकते हैं जिन्हे आप घर पर सभी के लिए बनती हैं। लेकिन उन आहारों में बहुत ज्यादा नमक, मिर्चा और चीनी का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। आप जायके के लिए हलके मसलों का इस्तेमाल कर सकती हैं जैसे की धनिया पाउडर।
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झटपट करें त्यार सब्जियों का puree बच्चों के लिए (baby food)
सब्जियों-का-puree---baby-food सब्जियों की puree एक बहुत ही आसान तरीका है झटपट baby food त्यार करने का| बच्चे को हरी सब्जियां खिलाइये, मगर बाजार से baby food खरीद कर नहीं बल्कि ताज़ा घर में बना कर| घर में बने बच्चे के आहार में आप को पता रहेगा की आप के बच्चे के भोजन में क्या-क्या है| बाजार का बना बेबी फ़ूड महंगा भी बहुत होता है| घर पे आप इसे बहुत ही कम कीमत में बना लेंगे|
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10 आसान तरीके बच्चों को अच्छे संस्कार देने के
बच्चों-को-दें-अच्छे-संस्कार- अपने बच्चे के व्यक्तित्व के निर्माण के लिए आपको उसकी शिक्षा – दीक्षा , अच्छी आदतों तथा नैतिक मूल्यों के साथ - साथ इन संस्कारो को बचपन से ही उनके अंदर डालना चाहिए , तभी युवा होकर वह एक अच्छा इंसान बनेगा और अपने देश का एक अच्छा नागरिक।
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बच्चों को दूध पीने के फायदे
दूध-के-फायदे माँ के दूध से मिलने वाले होर्मोनेस और एंटीबाडीज बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी है| ये बच्चे के शरीर को viruses और bacteria से मुकाबला करने में सक्षम बनता है| स्तनपान वाले बच्चों में कान का infection, साँस की बीमारी और diarrhea कम होता है| उन बच्चों को डॉक्टर को भी कम दिखाना पड़ता है|
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पढ़ाई में ना लगे मन आप के बच्चे का तो क्या करें
पढ़ाई कुछ बातों का ध्यान रखें तो आप अपने बच्चे के बुद्धिस्तर को बढ़ा सकते हैं और बच्चे में आत्मविश्वास पैदा कर सकते हैं। जैसे ही उसके अंदर आत्मविश्वास आएगा उसकी खुद की पढ़ने की भावना बलवती होगी और आपका बच्चा पढ़ाई में मन लगाने लगेगा ,वह कमज़ोर से तेज़ दिमागवाला बन जाएगा। परीक्षा में अच्छे अंक लाएगा और एक साधारण विद्यार्थी से खास विद्यार्थी बन जाएगा।
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विटामिन C का महत्व शिशु के शारीरिक विकास में
विटामिन-C बच्चों के लिए आवश्यक विटामिन सी की मात्रा बड़ों जितनी नहीं होती है। दो और तीन साल की उम्र के बच्चों को एक दिन में 15 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है। चार से आठ साल के बच्चों को दिन में 25 मिलीग्राम की आवश्यकता होती है और 9 से 13 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रति दिन 45 मिलीग्राम की आवश्यकता होती है।
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