Category: बच्चों का पोषण

शिशु का वजन बढ़ाने के लिए उसके उम्र के अनुसार उसे देशी घी दें

By: Salan Khalkho | 6 min read

औसतन एक शिशु को दिन भर में 1000 से 1200 कैलोरी की आवश्यकता पड़ती है। शिशु का वजन बढ़ने के लिए उसे दैनिक आवश्यकता से ज्यादा कैलोरी देनी पड़ेगी और इसमें शुद्ध देशी घी बहुत प्रभावी है। लेकिन शिशु की उम्र के अनुसार उसे कितना देशी घी दिन-भर में देना चाहिए, यह देखिये इस तलिके/chart में।

शिशु का वजन बढ़ाने के लिए उसे उसके उम्र के अनुसार दें देशी घी

अगर शिशु का वजन कम है तो उसका वजन बढ़ाने के लिए आप उसे उसके आहार में देशी घी दे सकती हैं।

वैसे तो शिशु के लिए देशी घी के अनेक फायेदे हैं। लेकिन उन सब में सबसे बड़ा फायेदा यह है की यह शिशु के वजन को बढ़ाने में बहुत कारगर है। 

शिशु का वजन बढ़ाने के लिए बहुत से घरेलु तरीके हैं। लेकिन उनमें शुद्ध देशी घी एक बहुत ही आसन तरीका है शिशु का वजन जल्दी बढ़ाने का। 

शिशु का कम वजन होना चिंता की बात है। दुनिया भर में हुए कई शोध में यह बात पता चला है की जिन बच्चों का वजन कम होता है, उनमे संक्रमण की सम्भावना दुसरे बच्चों की तुलना में ज्यादा रहता है। इसका मतलन कम वजन बच्चे ज्यादा बीमार पड़ते हैं। 

शिशु का वजन बढ़ाने के लिए उसे देशी घी देने से पहले आप को यह सुनिश्चित करना करना जरुरी है की आप के शिशु का वजन वाकाई कम है। 

शिशु का वजन सामान्य होने के बावजूद बहुत से माता-पिता को यह चिंता रहती है की उनके शिशु का वजन कम है। आप के शिशु का वजन कितना होना चाहिए - यह आप जान सकती हैं यह चार्ट देख कर - शिशु के उम्र के अनुसार लंबाई और वजन का चार्ट। 

आप को एक बात का ध्यान और देने की जरुरत है। कई बार किसी बीमारी की वजह से भी शिशु का वजन नहीं बढ़ता है। 

ऐसे में आप चाहे अपने शिशु को देशी घी दें, या कोई अन्य वजन बढ़ाने के लिए आहार, उसका वजन नहीं बढेगा। ऐसे में आप अपने शिशु को एक बार डोक्टर (बाल रोग विशेषज्ञ) को अवश्य दिखाएँ। 

आप अपने शिशु का वजन उसके आहार के दुवारा भी बढ़ा सकती हैं। यानी की शिशु का वजन बढ़ाने के लिए उसे शुद्ध देशी घी देना ही एक मात्र विकल्प नहीं है। 

इस लेख में आप पढ़ेंगी:

  1. देशी घी देते वक्त एक बात का ध्यान रखें
  2. देशी घी शिशु के विकास के लिए बहुत जरुरी है
  3. शिशु को दिन भर में औसतन कितने कैलोरी की आवश्यकता पड़ती है
  4. शिशु को दिन भर में कितना देशी घी दे सकते हैं
  5. शिशु को उसकी उम्र के अनुसार इस अनुपात में देशी घी दें
  6. शिशु को देशी घी देते वक्त ध्यान देने योग्य बात

देशी घी देते वक्त एक बात का ध्यान रखें

लेकिन अधिक मात्रा में खिलने पे शिशु में भूख की कमी और पाचन सम्बन्धी दिकतें हो सकती हैं। इसीलिए आवश्यक है की यह पता लगाया जाये की आप के शिशु को उसके उम्र के अनुसार कितना देशी घी दिन-भर में दिया जा सकता है। 

देशी घी देते वक्त एक बात का ध्यान रखें

इस article के अंत में हम आप को बताएँगे एक बहुत सरल तरीका यह पता लगाने का की आप के शिशु को उसके उम्र के अनुसार कितना देशी घी खिला सकती हैं। 

देशी घी शिशु के विकास के लिए बहुत जरुरी है

गाए का शुद्ध देशी घी हकीकत में मक्खन ही है, बस अंतर इतना है की यह अति शुद्धीकृत है और इसमें 97 प्रतिशत वसा है। वसा शिशु के विकास के लिए बहुत जरुरी है। यह शिशु को उर्जा प्रदान करता है और महत्वपूर्ण विटामिन के अवशोषण में सहायता करता है। 

देशी घी शिशु के विकास के लिए बहुत जरुरी है

लेकिन शिशु को हर दिन शुद्ध देशी घी की एक उचित मात्र ही दी जा सकती है। इस मात्रा से अधिक देशी घी देने पे शिशु को दस्त होने की सम्भावना रहती है। 

शिशु को दिन भर में औसतन कितने कैलोरी की आवश्यकता पड़ती है 

अमेरिकी खाद्य एवं कृषि संगठन (एफ.ए.ओ) के अनुसार, शिशु को दिन भर में औसतन 1000 से 1200 कैलोरी की आवश्यकता पड़ती है। 

शिशु को दिन भर में औसतन कितने कैलोरी की आवश्यकता पड़ती है

लेकिन ध्यान देने योग्य बात ये है की हर उम्र के शिशु की कैलोरी की आवश्यकता भिन-भिन होती है। उदहारण के लिए एक साल के शिशु की कैलोरी की आवश्यकता, दस साल के शिशु से बहुत कम होगी। इसीलिए यह कहना की शिशु को दिन भर में 1000 से 1200 कैलोरी की आवश्यकता पड़ती है - गलत होगा।निचे दिए चार्ट में आप देख सकती हैं की आप के शिशु के उम्र के अनुसार उसे दिन-भर में कितनी कैलोरी की अव्शाकता पड़ेगी।  

शिशु को देशी घी देने से पहले यह जानना जरुरी है की उसके उम्र के अनुसार उसे कितना देशी घी देना उचित है। 

शिशु को दिन भर में कितना देशी घी दे सकते हैं 

शिशु को 30 से 35 प्रतिशत कैलोरी उसके आहार में मौजूद वासा से मिलनी चाहिए।  आप को यह देखना पड़ेगा की शिशु को दिन भर में जो आहार दिया जा रहा है उसमे मौजूद वासा से शिशु को कितना कैलोरी मिल रहा है। अगर शिशु को उसके आहर से दिन भर की आवश्यकता का 35 प्रतिशत से कम कलोरी वसा से मिल रहा है, तो इसे आप शिशु को देशी घी खिला के पूरा कर सकती हैं।

शिशु को दिन भर में कितना देशी घी आप दे सकती हैं

लेकिन यह पता लगा पाना बेहद कठिन है की शिशु को दिन भर में उसके आहार से कितना कैलोरी मिल रहा है। 

लेकिन एक बहुत ही आसान तरीका ही जिसकी मदद से आप अपने शिशु को बिना कैलोरी की चिंता किये देशी घी खिला सकती हैं। 

daily calorie needs of a child chart शिशु को उसकी उम्र के अनुसार इस अनुपात में देशी घी दें

शिशु को उसकी उम्र के अनुसार इस अनुपात में देशी घी दें

  1. 6 Month Baby - छह महीने या उससे बड़े बच्चे को आधा चम्मच (½ tsp) घी, दिन भर के किसी दो आहारों के बीच बाँट के दें। 
  2. 8 Months Baby - आठ महीने के बच्चे को एक चम्मच (1 tsp) घी, दिन भर के किसी दो आहारों के बीच बाँट के दें। 
  3. 10 Months Baby - दस महीने के बच्चे को एक चम्मच से थोड़ा ज्यादा (1 ¼ tsp) घी, दिन भर के तीन आहारों के बीच बाँट के दें।  
  4. 12 महीने या उससे बड़े बच्चे - एक साल के बच्चे या उससे बड़े बच्चों को आप डेढ़ चम्मच (1 ½ tsp) दिन के तीन आहारों में बाँट के दे सकती हैं। 

शिशु को देशी घी देते वक्त ध्यान देने योग्य बात

शिशु को देशी घी देते वक्त ध्यान देने योग्य बात

  • अगर आप शिशु को उसके आहार में देशी घी दे रही हैं, तो उसे butter, cheese या कोई और वासा खाने को ना दें। 
  • अगर शिशु को घी खिलने पे उसे खांसी, आखों में खुजली, या शारीर पे चकते दिखे तो उसे देशी घी खिलाना तुरंत बंद कर दें। इसके बदले शिशु को घर का बना देशी घी देने प्रारम्भ कर दें। 
  • कुछ बच्चों में देशी घी आसानी से नहीं पचेगा। उदाहारण के लिए अगर शिशु पहले से फार्मूला दूध, माखन (cheese), या butter का सेवन कर रहा है। ऐसी स्थिति में शिशु को उसके उम्र के अनुसार बताई गयी मात्रा का केवल आधा ही दें। 
Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्‍तविकता सुनिश्‍चित करने का हर सम्‍भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्‍सक से अवश्‍य संपर्क करें। आपका चिकित्‍सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्‍प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।

सर्दी-जुकाम-की-दवा
नेबुलाइजर-Nebulizer-zukam-ka-ilaj
sardi-jukam
कफ-निकालने-के-उपाय
balgam-wali-khansi-ka-desi-ilaj
ह्यूमिडिफायर-Humidifier
पेट्रोलियम-जैली---Vaseline
Khasi-Ke-Upay
खांसी-की-अचूक-दवा
sardi-ki-dawa
Khasi-Ki-Dawai
पराबेन-(paraben)
खांसी-की-अचूक-दवा
jukam-ki-dawa
बंद-नाक
जुकाम-के-घरेलू-उपाय
khasi-ki-dawa
कई-दिनों-से-जुकाम
बच्चों-की-नाक-बंद-होना
शिशु-सर्दी
Best-Baby-Carriers
शिशु-खांसी-के-लिए-घर-उपचार
शिशु-को-खासी
शिशु-बुखार
1-साल-के-बच्चे-का-आदर्श-वजन-और-लम्बाई
नवजात-शिशु-वजन
शिशु-की-लम्बाई
बच्चों-का-BMI
शिशु-का-वजन-घटना
नवजात-शिशु-का-BMI

Most Read

गर्भ-में-लड़का-होने-के-लक्षण-इन-हिंदी
बच्चे-का-वजन
टीकाकरण-चार्ट-2018
शिशु-का-वजन-बढ़ाएं
बच्चों-में-यूरिन
बच्चों-को-गोरा-करने-का-तरीका-
कई-दिनों-से-जुकाम
खांसी-की-अचूक-दवा
बंद-नाक
balgam-wali-khansi-ka-desi-ilaj
sardi-jukam
सर्दी-जुकाम-की-दवा
बच्चे-की-भूख-बढ़ाने-के-घरेलू-नुस्खे

Other Articles

UHT Milk शिशु को एक्जिमा से बचाता है
UHT-Milk-शिशु-को-एक्जिमा-से-बचाता-है अगर आप के शिशु को गाए के दूध से एक्जिमा होता है मगर UTH milk या फार्मूला दूध देने पे उसे एक्जिमा नहीं होता है तो इसकी वजह है गाए के दूध में पाई जाने वाली विशेष प्रकार की प्रोटीन जिससे शिशु के शारीर में एलर्जी जैसी प्रतिक्रिया होती है।
Read More...

शिशु का घुटनों के बल चलने के फायेदे
शिशु-का-घुटनों-के-बल-चलने-के-फायेदे आपके मन में यह सवाल आया होगा कि क्या शिशु का घुटने के बल चलने का कोई फायदा है? पैरों पर चलने से पहले बच्चों का घुटनों के बल चलना, प्राकृतिक का एक नियम है क्योंकि इससे शिशु के शारीर को अनेक प्रकार के स्वस्थ लाभ मिलते हैं जो उसके शारीरिक, मानसिक और संवेगात्मक विकास के लिए बहुत जरूरी है।
Read More...

प्रेगनेंसी में नारियल पानी वरदान है - जानिए इसके फायदे
प्रेगनेंसी-में-वरदान-है-नारियल-पानी नारियल का पानी गर्भवती महिला के लिए पहली तिमाही में विशेषकर फायदेमंद है अगर इसका सेवन नियमित रूप से सुबह के समय किया जाए तो। इसके नियमित सेवन से गर्भअवस्था से संबंधित आम परेशानी जैसे कि जी मिचलाना, कब्ज और थकान की समस्या में आराम मिलता है। साथी या गर्भवती स्त्री के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, शिशु को कई प्रकार की बीमारियों से बचाता है और गर्भवती महिला के शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करता है।
Read More...

सिजेरियन और नॉर्मल डिलीवरी की फीस
बालों-का-झाड़ना नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएचएफएस) की रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक दशक में सिजेरियन डिलीवरी के माध्यम से शिशु के जन्म वृद्धि दर में दोगुने का इजाफा हुआ है। सिजेरियन डिलीवरी में इस प्रकार की दोगुनी वृद्धि काफी चौंका देने वाली है। विशेषज्ञों के अनुसार इसकी वजह सिजेरियन डिलीवरी के जरिए अस्पतालों की मोटी कमाई है।
Read More...

प्रेगनेंसी के दौरान बालों का झाड़ना रोकें - घरेलु उपचार
बालों-का-झाड़ना गर्भावस्था के दौरान बालों का झाड़ना एक बेहद आम बात है। ऐसा हार्मोनल बदलाव की वजह से होता है। लेकिन खान-पान मे और जीवन शैली में छोटे-मोटे बदलाव लाकर के आप अपने बालों को कमजोर होने से और टूटने/गिरने से बचा सकती हैं।
Read More...

डिस्लेक्सिया (Dyslexia) - बच्चों में बढ़ता प्रकोप – लक्षण कारण और इलाज
डिस्लेक्सिया-Dyslexia डिस्लेक्सिया (Dyslexia) से प्रभावित बच्चों को पढाई में बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है। ये बच्चे देर से बोलना शुरू करते हैं। डिस्लेक्सिया (Dyslexia) के लक्षणों का इलाज प्रभावी तरीके से किया जा सकता है। इसके लिए बच्चों पे ध्यान देने की ज़रुरत है। उन्हें डांटे नहीं वरन प्यार से सिखाएं और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश करें।
Read More...

शिशु को सर्दी जुकाम से कैसे बचाएं
शिशु-सर्दी ठण्ड के मौसम में माँ - बाप की सबसे बड़ी चिंता इस बात की रहती है की शिशु को सर्दी जुकाम से कैसे बचाएं। अगर आप केवल कुछ बातों का ख्याल रखें तो आप के बच्चे ठण्ड के मौसम न केवल स्वस्थ रहेंगे बल्कि हर प्रकार के संक्रमण से बचे भी रहेंगे।
Read More...

5 घरेलु उपाय शिशु को जुकाम से राहत दिलाने के लिए (khasi ki dawa)
khasi-ki-dawa ठण्ड के दिनों में बच्चों को बहुत आसानी से जुकाम लग जाता है। जुकाम के घरेलू उपाय से आप अपने बच्चे के jukam ka ilaj आसानी से ठीक कर सकती हैं। इसके लिए jukam ki dawa की भी जरुरत नहीं है। बच्चों के शारीर में रोग प्रतिरोधक छमता इतनी मजबूत नहीं होती है की जुकाम के संक्रमण से अपना बचाव (khud zukam ka ilaj) कर सके - लेकिन इसके लिए डोक्टर के पास जाने की आवशकता नहीं है। (zukam in english, jukam in english)
Read More...

12 Tips शिशु की खांसी का घरेलु उपचार - khansi ka gharelu upchar
khansi-ka-gharelu-upchar बच्चों को ठण्ड के दिनों में सर्दी और जुकाम लगना आम बात है। लेकिन बच्चों में 12 तरीके से आप खांसी का घरेलु उपचार कर सकती है (khansi ka gharelu upchar)। सर्दी और जुकाम में अक्सर शिशु के शरीर का तापमान बढ़ जाता है। यह एक अच्छा संकेत हैं क्योँकि इसका मतलब यह है की बच्चे का शरीर सर्दी और जुखाम के संक्रमण से लड़ रहा है। कुछ घरेलु तरीकों से आप शिशु के शारीर की सहायता कर सकती हैं ताकि वो संक्रमण से लड़ सके।
Read More...

शिशु को डेढ़ माह (six weeks) की उम्र में लगाये जाने वाले टीके
six-week-vaccine शिशु को डेढ़ माह (six weeks) की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को कई प्रकार के खतरनाक बिमारिओं से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
Read More...

अपने बच्चे को ब्‍लू-व्‍हेल गेम से इस तरह बचाएं
ब्‍लू-व्‍हेल-गेम अब तक ३०० बच्चों की जन ले चूका है हत्यारा ब्‍लू-व्‍हेल गेम। अगर आप ने सावधानी नहीं बाराती तो आप का भी बच्चा हो सकता है शिकार। ब्‍लू-व्‍हेल गेम खलता है बच्चों के मानसिकता से। बच्चों का दिमाग बड़ों की तरह परिपक्व नहीं होता है। इसीलिए बच्चों को ब्‍लू-व्‍हेल गेम से सुरक्षित रखने के लिए माँ-बाप की समझदारी और सूझ-बूझ की भी आवश्यकता पड़ेगी।
Read More...

शिशु को एक्जिमा (eczema) है - लक्षण और इलाज
शिशु-एक्जिमा-(eczema) एक्जिमा (eczema) एक ऐसी स्थिति है जिसमे बच्चे के शरीर की त्वचा पे चकते पड़ जाते हैं। त्वचा बहुत शुष्क हो जाती है। त्वचा पे लाली पड़ जाती है और त्वचा पे बहुत खुजली होती है। घरेलु इलाज से आप अपने शिशु के एक्जिमा (eczema) को ख़त्म कर सकती हैं।
Read More...

शिशु बहुत गुस्सा करता है - करें शांत इस तरह
शिशु-गुस्सा अगर आप का शिशु बहुत गुस्सा करता है तो इसमें कोई ताजुब की बात नहीं है। सभी बच्चे गुस्सा करते हैं। गुस्सा अपनी भावना को प्रकट करने का एक तरीका है - जिस तरह हसना, मुस्कुराना और रोना। बस आप को अपने बच्चे को यह सिखाना है की जब उसे गुस्सा आये तो उसे किस तरह नियंत्रित करे।
Read More...

बच्चों में पीलिये के लक्षण पहचाने - झट से
Jaundice-in-newborn-in-hindi Jaundice in newborn: Causes, Symptoms, and Treatments - जिन बच्चों को पीलिया या जॉन्डिस होता है उनके शरीर, चेहरे और आँखों का रंग पीला पड़ जाता है। पीलिया के कारण बच्चे को केर्निकेटरस नामक बीमारी हो सकती है। यह बीमारी बच्चे के मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है।
Read More...

झटपट करें त्यार सब्जियों का puree बच्चों के लिए (baby food)
सब्जियों-का-puree---baby-food सब्जियों की puree एक बहुत ही आसान तरीका है झटपट baby food त्यार करने का| बच्चे को हरी सब्जियां खिलाइये, मगर बाजार से baby food खरीद कर नहीं बल्कि ताज़ा घर में बना कर| घर में बने बच्चे के आहार में आप को पता रहेगा की आप के बच्चे के भोजन में क्या-क्या है| बाजार का बना बेबी फ़ूड महंगा भी बहुत होता है| घर पे आप इसे बहुत ही कम कीमत में बना लेंगे|
Read More...

बच्चों की पढाई के लिए बनायें उपयुक्त माहौल - 12 Tips
बच्चों-की-पढाई शांतिपूर्ण माहौल में ही बच्चा कुछ सोच - समझ सकता है, पढ़ाई कर सकता है, अधयाय को याद कर सकता है। और अपने school में perform कर सकता है। माता-पिता होने के नाते आपको ही देना है अपने बच्चे को यह माहौल।
Read More...

नाख़ून कुतरने की आदत कैसे छुड़ाएं बच्चों में
नाख़ून-कुतरने बच्चों का नाख़ून चबाना एक बेहद आम समस्या है। व्यस्क जब तनाव में होते हैं तो अपने नाखुनो को चबाते हैं - लेकिंग बच्चे बिना किसी वजह के भी आदतन अपने नाखुनो को चबा सकते हैं। बच्चों का नाखून चबाना किसी गंभीर समस्या की तरफ इशारा नहीं करता है। लेकिन यह जरुरी है की बच्चे के नाखून चबाने की इस आदत को छुड़ाया जाये नहीं तो उनके दातों का shape बिगड़ सकता है। नाखुनो में कई प्रकार के बीमारियां अपना घर बनाती हैं। नाख़ून चबाने से बच्चों को कई प्रकार के बीमारी लगने का खतरा बढ़ जाता है, पेट के कीड़े की समस्या तथा पेट दर्द भी कई बार इसकी वजह होती है।
Read More...

सेब और सूजी का खीर 6 to 9 month बच्चों के लिए
सेब-बेबी-फ़ूड सेब और सूजी का खीर बड़े बड़ों सबको पसंद आता है। मगर आप इसे छोटे बच्चों को भी शिशु-आहार के रूप में खिला सकते हैं। सूजी से शिशु को प्रोटीन और कार्बोहायड्रेट मिलता है और सेब से विटामिन, मिनरल्स और ढेरों पोषक तत्त्व मिलते हैं।
Read More...

पौष्टिक दाल और सब्जी वाली बच्चों की खिचड़ी
पौष्टिक-दाल-और-सब्जी-वाली-बच्चों-की-खिचड़ी Porridge made of pulses and vegetables for children is deliciously tasty which children will love eating and is also nutritionally rich for their developing body. पौष्टिक दाल और सब्जी वाली बच्चों की खिचड़ी बच्चों को बहुत पसंद आएगी और उनके बढ़ते शरीर के लिए भी अच्छी है
Read More...

6 से 12 वर्ष के शिशु को क्या खिलाएं - Indian Baby food diet chart
6-से-12-वर्ष-के-शिशु-को-क्या-खिलाएं आपके बच्चे के लिए किसी भी नए खाद्य पदार्थ को देने से पहले (before introducing new food) अपने बच्चे के भोजन योजना (diet plan) के बारे में चर्चा। भोजन अपने बच्चे को 5 से 6 महीने पूरा होने के बाद ही देना शुरू करें। इतने छोटे बच्चे का पाचन तंत्र (children's digestive system) पूरी तरह विकसित नहीं होता है
Read More...

Copyright: Kidhealthcenter.com