Category: बच्चों की परवरिश

10 Tips: बच्चों को सिखाएं शिष्टाचार और अच्छे संस्कार

By: Miss Vandana | 1 min read

बच्चे के अच्छे भविष्य के लिए बचपन से ही उन्हें अच्छे और बुरे में अंतर करना सिखाएं। यह भी जानिए की बच्चों को बुरी संगत से कैसे बचाएं। बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए उन्हें अच्छी शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी दीजिये।

बच्चे को अच्छे भविष्य के लिए बचपन बच्चो की गलतियों संस्कारी

नजरंदाज ना करें बच्चों की गलतियों को अगर आप चाहते हैं की आपके बच्चे बने शिष्ट , सभ्य एवं व्यवहार कुशल। मगर इसके लिए माँ-बाप को अपने बच्चों के पीछे बहुत मेहनत करनी पड़ती है। बच्चों को जब अच्छे संस्कार सिखाएं जाते हैं तब जाकर वे सामाजिक और व्यवहार कुशल बनते हैं। इसके साथ-साथ बच्चों को उनकी गलतियोँ के भी बारे में बताना और उन गलतिओं को सुधारना भी उतना ही जरुरी है जितना की अच्छे संस्कार देना। बच्चों की गलतियोँ को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कई माँ-बाप अकसर परेशान रहते हैं यह सोच कर की बच्चों की परवरिश कैसे करें मगर अपने बच्चों की गलतियौं पे उन्हें कभी मन नहीं करते हैं। 

अपने बच्चे की गलतियों को नजर अंदाज न करें। आपका बच्चा जब तक छोटा रहता है अनजाने में वह बहुत  सारी गलतियाँ करता है उसको आप अनदेखा कर देते है।बच्चो की गलतियों को पहली बार ही टोक देना चाहिए ताकि दुबारा वह वैसी  गलती न करे। बच्चों के गलतियौं पे खुश मत होइए। उन्हें सही बात सीखिए, अनुशाशन में रखिये और बच्‍चों को सिखाएं दूसरे से मिलने की तहजीब। 

बच्चे के अच्छे भविष्य के लिए बचपन से ही उन्हें अच्छे और बुरे में अंतर करना सिखाएं। यह भी जानिए की बच्चों को बुरी संगत से कैसे बचाएं। बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए उन्हें अच्छी शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी दीजिये।

बच्चे जब छोटे होते हैं तो कच्ची मिटटी की तरह होते हैं। आप जिस रूप में चाहें उन्हें ढाल सकते हैं। अगर उनकी आप गलत हरकतों पे खुश नहीं होंगे तो वे उन्हें नहीं करेंगे। और अगर आप उनकी अच्छे कामों को प्रोत्साहित करेंगे तो वे और अच्छा काम करने के लिए उत्साहित होंगे। बच्चों के अच्छी कामो को प्रोत्साहित करें और बुरे काम को बढ़ावा न दें। आप के बच्चे अवश्य बड़े होके एक अच्छे और संस्कारी इंसान बनेंगे। 

बच्चो को अच्छे संस्कार - अच्छे व्यवहार आचरण अनुशाशन

इन बातों का रखेंगे ध्यान तो बच्चा मानेगा आपकी हर बात:

  • किसी के घर जाने पर  यदि आपका बच्चा बहुत अधिक शैतानी करता है ,या बहुत उधम मचाता है तो उनकी गलतियों को नजर  अंदाज न करे , उन्हे समझाने  का प्रयास करे।
  • दूसरो  के घर जाकर सभी चीजों को छूनाया तोड़ना - फोड़ना या कुछ अच्छी  चीज देख कर घर लेकर चले आना। यदि आपका बच्चा इस तरह की हरकत करता है तो उसे बताए की  दूसरो की चीजों को नहीं छूना चाहिए।
  • आपके बच्चे की अंदर यदि चोरी की आदत आ गयी है तो उसे समझाए की चोरी  की आदत बुरी  होती है। उसे समझाकर  या डाट कर  बताये की यह आदत बुरी होती है। जिस दिन पहली बार वह ऐसी हरकत करता है उसी दिन उसे समझाए , उसकी गलतियों को नजरअंदाज न करे। 
  • बुरी संगती में रहकर अपने मुँह से अपशब्द न निकाले। उसे सिखाये की हमेशा अच्छी बाते ही मुँह से निकले।    
  • बड़ो का आदर न करने पर उसे बताये की हमेशा बड़ो का अभिवादन  करना चाहिए।
  • यदि आपका बच्चा  बिना  आपकी परमीशन के  कही जाता है तो उसे नजर  अंदाज न करे , बल्कि उसे बताये की इस तरह वह किसी परेशानी में पड़  सकता है।
  • आप बच्चे की टीचर से मिलकर यह पता करे की आपका बच्चा अपने क्लास के बच्चो के साथ कैसा व्यहार  करता है , कही वह दूसरे बच्चो को मारता - पीटता तो नहीं है।
  • अपने से छोटो पर रौब दिखाना या उनको मारना - पीटना या उनका टिफिन खा लेना आदि आदते है तो उनको छोटी बाते समझकर नजर  अंदाज न करे।
  • यदि आपका बच्चा बात - बात पर जिद करता है तो उसकी इस गलती पर उसे समझाए। बच्चों को नियंत्रित करना सीखें।
  • नैतिक शिक्षा से दें अपने बच्चों को अच्छे संस्कार। परवरिश के लिए जरूरी हैं अच्छे संस्कार।

बच्चे एक कोरे स्लेट के समान होते है उनको आप जिस तरह का व्यहार करना सिखाएगे उसी तरह का व्यहार आपका बच्चा आपके साथ करेगा।अपने बच्चे को सभ्य और सुसंकृत बनाना आपका कर्तव्य है।


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