Category: प्रेगनेंसी

स्‍किन टाइटनिंग मास्‍क से भगाएं झुर्रियां को मात्र दो दिन में

By: Admin | 5 min read

जानिए की आप अपनी त्वचा की देखभाल किस तरह कर सकती हैं की उन पर झुर्रियां आसानी से ना पड़े। अगर ये घरेलु नुस्खे आप हर दिन आजमाएंगी तो आप की त्वचा आने वाले समय में अपने उम्र से काफी ज्यादा कम लगेंगे।

स्‍किन टाइटनिंग मास्‍क से भगाएं झुर्रियां को मात्र दो दिन में

क्या आप अपनी उम्र के कम दिखना चाहती हैं? 

कोमल, मुलायम, और जवान त्वचा कितनी खूबसूरत लगती है।  लेकिन समय के साथ उम्र का प्रभाव हमारी त्वचा पर साफ दिखने लगता है, विशेष कर के चेहरे की त्वचा पर। 

जैसे-जैसे बुढ़ापा हावी होता है,  वैसे वैसे त्वचा अपना लचीलापन खोने लगती है और इस वजह से हमारी आंखों के ऊपर और माथे पर शिकन दिखाई देने लगती है जो आगे चलकर झुर्रियों का रुप ले लेती है। 

लेकिन,

क्या आपको पता है, अगर आप अपनी त्वचा की देखभाल करें तो  काफी उम्र होने पर भी आपकी त्वचा पर झुर्रियां दिखाई नहीं देंगी।  उदाहरण के लिए बॉलीवुड की अभिनेत्री श्रीदेवी को ही ले लीजिए।  इतनी उम्र दराज होने के बावजूद भी उनके चेहरे पर एक भी झुर्रियां नहीं थी।  इस प्रकार की त्वचा पाने के लिए आपको अपनी त्वचा की अच्छी देखभाल करनी पड़ेगी।

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस तरह से आप अपनी त्वचा को इस प्रकार मेंटेन कर सकती हैं कि आपकी त्वचा पर आसानी से झुर्रियां नहीं पड़ेगी और आप अपनी उम्र से काफी ज्यादा यंग दिखेंगी। 

लेकिन उससे पहले,  आपको यह जानने की जरूरत है कि वह कौन-कौन से कारण है जिनकी वजह से समय से पहले चेहरे पर झुर्रियां उत्पन्न हो सकती हैं।  ये ऐसे कारण है जिनसे आपको अपनी त्वचा को बचाकर रखना है नहीं तो आप चाहे अपनी त्वचा की कितनी भी देखभाल कर ले,  उनका कोई फायदा नहीं होगा। 

समय से पहले त्वचा पर झुर्रियों का कारण

  1.  कई दिनों या महीनों तक अत्यधिक स्ट्रेस में रहना
  2.  पर्याप्त मात्रा में नींद ना मिलना
  3.  खराब दिनचर्या
  4.  अत्यधिक वसा और चीनी वाले खाद्य पदार्थ (आहार)
  5. खराब गुणवत्ता वाले क्रीम लोशन और केमिकल्स का चेहरे पर इस्तेमाल

अगर आप ऊपर बताए गए 5 कारणों से अपनी त्वचा को बचाकर रखने में सफल हो सकती हैं,  तो समय से पहले आपकी त्वचा पर झुर्रियां अपना प्रभाव नहीं डाल सकेंगे। 

चलिए अब देखते हैं,  कि किस प्रकार से आप अपनी त्वचा की इस प्रकार देखभाल कर सकती हैं कि उन पर झुर्रियां  आसानी से ना पड़े।  अगर आप हर दिन यह कम से कम सप्ताह में एक बार इनका पालन करेंगे तो आप की त्वचा आने वाले समय में अपने उम्र से काफी ज्यादा कम लगेंगे।

आपको बताएंगे 6 प्रकार के प्राकृतिक स्‍किन टाइटनिंग मास्‍क जो आपके चेहरे से आसानी से झुर्रियों को दूर करेंगे:

  1. खीरा
  2. केला
  3. दूध
  4. कैस्‍टर ऑइल
  5. विटामिन ई तेल
  6. बादाम तेल
  7. एलो वेरा जेल

1. खीरा 

खीरे का जूस प्राकृतिक रूप से एक astringent  है। इसी वजह से खीरे का जूस प्राकृतिक रूप से  बड़ी आसानी से चेहरे की त्वचा को टोन करने में मदद करता है। 

जवान दिखने के उपाय cucumber खीरा डार्क सर्कल दूर करने के लिए

चेहरे पर बहुत बारीक छिद्र (pores) होते हैं।  ये छिद्र साधारणतया नहीं दिखाई देते हैं। लेकिन उम्र के साथ ये छिद्र आकार में बड़े हो जाते हैं,  जिस वजह से चेहरे की त्वचा पर बुढ़ापा झलकने लगता है। 

खीरे का जूस जो कि प्राकृतिक रूप से एक astringent है, चेहरे पर मौजूद इन  छिद्रों (pores) के आकार को छोटा करने में मदद करता है।  

इस तरह से चेहरा की त्वचा बच्चों की तरह जवान दिखने  लगती है। खीरा त्वचा के लिए एक और बेहतरीन काम करता है।  यह त्वचा को  रिफ्रेशिंग और हाइड्रेट करता है। 

चेहरे पर खीरे से बना स्‍किन टाइटनिंग मास्‍क  लगाने के लिए एक ताजे खीरे का रस एक कटोरे में निकालिए। अब रुई के सहारे खीरे के रस को अपने चेहरे पर लगाइए।  

ऐसा आपको हर दिन करना है।  कुछ ही दिनों में आप पाएंगे की खीरे के रस का  इस्तेमाल करने से आपके चेहरे की त्वचा की झुर्रियां धीरे-धीरे गायब होने लगी है।  

खीरे का जूस चेहरे की त्वचा के लिए इतना प्रभावी है कि अगर आप चाहे तो चेहरे पर टोनर का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर सकती है और इसकी जगह केवल खीरे के जूस का प्रयोग कर सकती हैं। 

2. केला

शुष्क त्वचा के लिए केला बहुत प्रभावी है।  वातावरण में नमी के अभाव के कारण चेहरे की त्वचा रूखी-सूखी हो जाती है। कई महीनों या कई सालों तक चेहरे की त्वचा के रूखी-सुखी रहने के कारण, समय से पहले ही बूढी लगने लगती है।  

जवां दिखने के उपाय केला banana जवान त्वचा पाने के लिए

शुष्क त्वचा के कारण अगर आपके चेहरे की त्वचा की रौनक खत्म हो गई है तो केला आपके चेहरे की त्वचा को टाइट करने में मदद कर सकता है। 

केले से बना स्‍किन टाइटनिंग मास्‍क  चेहरे की त्वचा पर इस्तेमाल करने के लिए आपको एक पका हुआ केला लेना है।  इस पके हुए केले को एक कटोरी में अच्छी तरह से मैश करें।  

अब मैश किए हुए केले को अपने पूरे चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट के लिए इसे इसी तरह छोड़ दे।  देखते ही देखते आपकी त्वचा केले का सारा मॉइस्‍चराइजर सोख लेगी और खिल उठेगी। 

अबसे आपको जब भी अपने चेहरे की त्वचा रूखी लगे, उसके ऊपर केले का बना स्‍किन टाइटनिंग मास्‍क का इस्तेमाल कीजिए।

3. दूध 

दूध बड़े ही काम का चीज है।  बच्चों की शारीरिक विकास को गति देता है,  हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि दूध आपके चेहरे की त्वचा को जवान और मुलायम भी बनाता है। 

उम्र कम दिखने के उपाय दूध milk रंगत निख़ारने के लिए

इतना ही नहीं,  यह चेहरों पर मौजूद झाइयों को भी दूर भगाता है  तथा चेहरे को ब्राइट और गोरा बनाता है।  एक बात और -  दूध आपके चेहरे पर मॉइस्‍चराइजर (moisturizer) का भी काम करता है। 

दूध से बनी स्‍किन टाइटनिंग मास्‍क  को चेहरे पर लगाने के लिए आपको एक कप दूध लेना है।  इस दूध को आइस-ट्रे  में डालकर के बरफ की तरह जमा।  

दूध के बने आइस क्यूब को, सोने से पहले पूरे चेहरे पर रगड़ने।  चेहरे पर दूध का इस तरह इस्तेमाल आपके स्किन को टाइट करेगा और साथ ही रिफ्रेश भी करेगा। यह चेहरे पर मौजूद (pores) के आकार को भी कम करता है जिससे चेहरा साफ, नरम और यंग दीखता है। 

4. कैस्‍टर ऑइल 

कैस्टर ऑयल में प्रचुर मात्रा में फैटी एसिड होता है।  यह फैटी एसिड चेहरे की त्वचा को नरम बनाता है और भरा भरा बनाता है।  चेहरे पर कैस्टर ऑयल को इस्तेमाल करने पर इसमें मौजूद फैटी एसिड त्वचा के अंदर समा जाता है।  

युवा रहने के उपाय castor oil झुर्रियों को दूर करने

कैस्टर ऑयल बहुत ही गाढ़ा तेल होता है इसीलिए इसे इस्तेमाल करने से पहले आपको इसे किसी अन्य तेल के साथ मिलाकर  चेहरे पर इस्तेमाल करना पड़ेगा।  आप इसे नारियल के तेल के साथ या किसी मंडल वालों के साथ मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकती हैं। 

5. विटामिन ई तेल

विटामिन ई तेल त्वचा के लिए अमृत का काम करती है।  त्वचा पर मौजूद किसी भी प्रकार के चोट या घाव को यह ठीक (heal) करने में मदद करती है।  इतना ही नहीं,  त्वचा के साथ-साथ नाखूनों और बालों की सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है।  

सुंदर दिखने के उपाय vitamin E oil serum चेहरे को सुंदर, बेदाग़

विटामिन ई एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है।  एंटीऑक्सीडेंट शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को खत्म करता है।  हमारे शरीर  मैं  मौजूद फ्री-रेडिकल्स की वजह से ही बुढ़ापे के लक्षण  उभरकर सामने आते हैं।

विटामिन इ शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को खत्म करता है और इस तरह से उम्र के बढ़ने के असर को कम करता है। शरीर  को पर्याप्त मात्रा में विटामिन ई देने के लिए आपको अपने भोजन में इस प्रकार के आहार को सम्मिलित करना पड़ेगा जिनमें विटामिन ए पाया जाता है। 

विटामिन ई के तेल से चेहरे की त्वचा पर मसाज करने से चेहरे की त्वचा टाइट बनती है और जवान दिखती है। 

6. बादाम का तेल

अगर आप अपने चेहरे पर विटामिन ई का तेल नहीं लगाना चाहती हैं तो आप बदाम के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।  बादाम के तेल में विटामिन इ मौजूद होता है।  

बादाम तेल - कम उम्र का कैसे दिखे रंग गोरा करने के आसान उपाय

बदाम के तेल को चेहरे पर  मसाज कर रात भर के लिए छोड़ दीजिए।  चेहरे की त्वचा रात भर बदाम के तेल के संपर्क में रहने पर, उसमें मौजूद विटामिन इ को सोख लेती है। 

7. एलो वेरा जेल

एलोवेरा जेल चेहरे की त्वचा के लिए इतना उपयुक्त और प्रभावी है कि इसका इस्तेमाल अनेक प्रकार के क्रीम और लोशन में होता है।  एलोवेरा की खास बात यह होती है कि इसे आप अत्यधिक संवेदनशील त्वचा पर भी इस्तेमाल कर सकती हैं।  

एलो वेरा जेल एंटी-एजिंग टिप्‍स चेहरे पर निखार लाने के उपाय

यह हर प्रकार की त्वचा पर लगाने के लिए सुरक्षित है और रिजेक्ट नहीं करती है।  चेहरे की त्वचा पर एलोवेरा के जेल का इस्तेमाल,  त्वचा को स्मूथ बनाता है,  अंदर से हाइट वेट करता है।  आप एलोवेरा जेल को अपने चेहरे पर दिन में किसी भी समय लगा सकती है। 

Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्‍तविकता सुनिश्‍चित करने का हर सम्‍भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्‍सक से अवश्‍य संपर्क करें। आपका चिकित्‍सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्‍प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है।

विटामिन-डी-remedy
शिशु-में-चीनी-का-प्रभाव
विटामिन-बच्चों-की-लम्बाई-के-लिए
बढ़ते-बच्चों-के-लिए-पोष्टिक-आहार
विटामिन-डी-की-कमी
विटामिन-ई-बनाये-बच्चों-को-पढाई-में-तेज़
कीवी-के-फायदे
बढ़ते-बच्चों-के-लिए-शीर्ष-10-Superfoods
शिशु-के-लिए-विटामिन-डी-से-भरपूर-आहार
प्रेगनेंसी-में-वरदान-है-नारियल-पानी
किवी-फल-के-फायदे-और-गुण-बच्चों-के-लिए
शिशु-में-वायरल-फीवर
बच्चों-में-पोषक-तत्वों-की-कमी-के-10-लक्षण
चेचक-का-दाग
बच्चों-के-मसूड़ों-के-दर्द-को-ठीक-करने-का-तरीका
शिशु-में-Food-Poisoning-का-इलाज---घरेलु-नुस्खे
टेढ़े-मेढ़े-दांत-बिना-तार-के-सीधा
बच्चों-की-त्वचा-पे-एक्जीमा-का-घरेलु-इलाज
शिशु-के-पुरे-शारीर-पे-एक्जीमा
छोटे-बच्चों-में-अस्थमा-का-इलाज
जलशीर्ष-Hydrocephalus
बच्चे-के-दाँत-निकलते
शिशु-के-दांतों-में-संक्रमण-के-7-लक्षण
बच्चों-में-दमा-का-घरेलु-उपाय,-बचाव,-इलाज-और-लक्षण
बच्चों-में-माईग्रेन-के-लक्षण-और-घरेलु-उपचार
बच्चों-में-बाइपोलर-डिसऑर्डर-
बच्चा-बिस्तर-से-गिर
बाइपोलर-डिसऑर्डर-(bipolar-disorder)
क्या-बच्चे-बाइपोलर-डिसऑर्डर-(Bipolar-Disorder)-
शिशु-में-बाइपोलर-डिसऑर्डर

Most Read

गर्भ-में-लड़का-होने-के-लक्षण-इन-हिंदी
बच्चे-का-वजन
टीकाकरण-चार्ट-2018
शिशु-का-वजन-बढ़ाएं
बच्चों-में-यूरिन
बच्चों-को-गोरा-करने-का-तरीका-
कई-दिनों-से-जुकाम
खांसी-की-अचूक-दवा
बंद-नाक
balgam-wali-khansi-ka-desi-ilaj
sardi-jukam
सर्दी-जुकाम-की-दवा
बच्चे-की-भूख-बढ़ाने-के-घरेलू-नुस्खे

Other Articles

बच्चे सोते हुए अपने दातों को क्योँ पिसते हैं? - कारण और इलाज
बच्चे-सोते-हुए-अपने-दातों-को-क्योँ-पिसते-हैं---इलाज डर, क्रोध, शरारत या यौन शोषण इसका कारण हो सकते हैं। रात में सोते समय अगर आप का बच्चा अपने दांतों को पिसता है तो इसका मतलब है की वह कोई बुरा सपना देख रहा है। बच्चों पे हुए शोध में यह पता चला है की जो बच्चे तनाव की स्थिति से गुजर रहे होते हैं (उदहारण के लिए उन्हें स्कूल या घर पे डांट पड़ रही हो या ऐसी स्थिति से गुजर रहे हैं जो उन्हें पसंद नहीं है) तो रात में सोते वक्त उनमें दांत पिसने की सम्भावना ज्यादा रहती है। यहाँ बताई गयी बैटन का ख्याल रख आप अपने बच्चे की इस समस्या का सफल इलाज कर सकती हैं।
Read More...

शिशु में फ़ूड पोइजन (Food Poison) का घरेलु इलाज
शिशु-में-फ़ूड-पोइजन-(Food-Poison)-का-घरेलु-इलाज जब शिशु हानिकारक जीवाणुओं या विषाणु से संक्रमित आहार ग्रहण करते हैं तो संक्रमण शिशु के पेट में पहुंचकर तेजी से अपनी संख्या बढ़ाने लगते हैं और शिशु को बीमार कर देते हैं। ठीक समय पर इलाज ना मिल पाने की वजह से हर साल भारतवर्ष में हजारों बच्चे फूड प्वाइजनिंग की वजह से मौत के शिकार होते हैं। अगर समय पर फूड प्वाइजनिंग की पहचान हो जाए और शिशु का समय पर सही उपचार मिले तो शिशु 1 से 2 दिन में ही ठीक हो जाता है।
Read More...

बहुत गुस्सा करने वाले बच्चे को Self Control सिखाने के आसन तरीके
बच्चों-का-गुस्सा बच्चे या तो रो कर या गुस्से के रूप में अपनी भावनाओं का प्रदर्शन करते हैं। लेकिन बच्चे अगर हर छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगे तो आगे चलकर यह बड़ों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। मां बाप के लिए आवश्यक है कि वह समय रहते बच्चे के गुस्से को पहचाने और उसका उपाय करें।
Read More...

बच्चों के गले के टॉन्सिल इन्फेक्शन का घरेलु उपचार
शिशु-के-गले-के-टॉन्सिल-इन्फेक्शन बच्चों को या बड़ों को - टॉन्सिल इन्फेक्शन किसी को भी हो सकता है जब शारीर की रोग प्रतिरोधक छमता कमजोर पड़ जाती है। चूँकि बच्चों की रोगप्रतिरोधक छमता बड़ों की तुलना में कम होती है, टॉन्सिल इन्फेक्शन बच्चों में ज्यादा देखने को मिलता है। लेकिन कुछ आसन से घरेलु उपचार से इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है।
Read More...

क्योँ देर से बोलते हैं कुछ बच्चे - आसान घरेलु उपचार
-देर-से-बोलते-हैं-कुछ-बच्चे सभी बचों का विकास दर एक सामान नहीं होता है। यही वजह है की जहाँ कुछ बच्चे ढाई साल का होते होते बहुत बोलना शुरू कर देते हैं, वहीँ कुछ बच्चे बोलने मैं बहुत समय लेते हैं। इसका मतलब ये नहीं है की जो बच्चे बोलने में ज्यादा समय लेते हैं वो दिमागी रूप से कमजोर हैं, बल्कि इसका मतलब सिर्फ इतना है की उन्हें शारीरिक रूप से तयार होने में थोड़े और समय की जरूरत है और फिर आप का भी बच्चा दुसरे बच्चों की तरह हर प्रकार की छमता में सामान्य हो जायेगा।आप शिशु के बोलने की प्रक्रिया को आसन घरेलु उपचार के दुवारा तेज़ कर सकती हैं।
Read More...

शिशु खांसी के लिए घर उपचार
शिशु-खांसी-के-लिए-घर-उपचार शिशु की खांसी एक आम समस्या है। ठंडी और सर्दी के मौसम में हर शिशु कम से कम एक बार तो बीमार पड़ता है। इसके लिए डोक्टर के पास जाने की अव्शाकता नहीं है। शिशु खांसी के लिए घर उपचार सबसे बेहतरीन है। इसका कोई side effects नहीं है और शिशु को खांसी, सर्दी और जुकाम से रहत भी मिल जाता है।
Read More...

बलगम वाली खांसी का देसी इलाज - Balgam Wali Khansi Ka Desi ilaj
balgam-wali-khansi-ka-desi-ilaj अगर आप का शिशु सर्दी और जुकाम से परेशान है तो कुछ घरेलु उपाय आप के शिशु को आराम पहुंचा सकते हैं। सर्दी और जेड के मौसम में बच्चों का बीमार पड़ना आम बात है। इसके कई वजह हैं। जैसे की ठण्ड के दिनों में संक्रमण को फैलने के लिए एकदम उपयुक्त माहौल मिल जाता है। कुछ बच्चों को ठण्ड से एलेर्जी होती है और इस वजह से भी उनमे सर्दी और जुकाम के लक्षण दीखते हैं।
Read More...

शिशु के कान से जमी हुई मैल साफ करें इस तरह
शिशु-कान शिशु के कान में मेल का जमना आम बात है। मगर कान साफ़ करते वक्त अगर कुछ महत्वपूर्ण सावधानी नहीं बरती गयी तो इससे शिशु के कान में इन्फेक्शन हो सकता है या उसके कान के अन्दर की त्वचा पे खरोंच भी लग सकता है। जाने शिशु के कान को साफ़ करने का सही तरीका।
Read More...

शिशु के पेट दर्द के कई कारण है - जानिए की आप का बच्च क्योँ रो रहा है|
पेट-दर्द छोटे बच्चों को पेट दर्द कई कारणों से हो सकता है। शिशु के पेट दर्द का कारण मात्र कब्ज है नहीं है। बच्चे के पेट दर्द का सही कारण पता होने पे बच्चे का सही इलाज किया जा सकता है।
Read More...

बच्चों को सिखाएं गुरु का आदर करना
teachers-day शिक्षक वर्तमान शिक्षा प्रणाली का आधार स्तम्भ माना जाता है। शिक्षक ही एक अबोध तथा बाल - सुलभ मन मस्तिष्क को उच्च शिक्षा व आचरण द्वारा श्रेष्ठ, प्रबुद्ध व आदर्श व्यक्तित्व प्रदान करते हैं। प्राचीन काल में शिक्षा के माध्यम आश्रम व गुरुकुल हुआ करते थे। वहां गुरु जन बच्चों के आदर्श चरित के निर्माण में सहायता करते थे।
Read More...

नवजात बच्चे के लिए कपडे खरीदते वक्त रखें इन बत्तों का ख्याल
बच्चे-के-कपडे अक्सर नवजात बच्चे के माँ- बाप जल्दबाजी या एक्साइटमेंट में अपने बच्चे के लिए ढेरों कपडे खरीद लेते हैं। यह भी प्यार और दुलार जाहिर करने का एक तरीका है। मगर माँ-बाप अगर कपडे खरीदते वक्त कुछ बातों का ध्यान न रखे तो कुछ कपड़ों से बच्चे को स्किन रैशेज (skin rash) भी हो सकता है।
Read More...

बच्चों के उग्र स्वाभाव पे सांस्कृतिक समूहों का प्रभाव
बच्चों-के-उग्र-स्वाभाव अलग-अलग सांस्कृतिक समूहों के बच्चे में व्यवहारिक होने की छमता भिन भिन होती है| जिन सांस्कृतिक समूहों में बड़े ज्यादा सतर्क होते हैं उन समूहों के बच्चे भी व्याहारिक होने में सतर्कता बरतते हैं और यह व्यहार उनमे आक्रामक व्यवहार पैदा करती है।
Read More...

गाजर मटर और आलू से बना शिशु आहार
गाजर-मटर-और-आलू-से-बना-शिशु-आहार गाजर, मटर और आलू से बना यह एक सर्वोतम आहार है 9 महीने के बच्चे के लिए। क्यूंकि यह आलू के चोखे की तरह होता है, ये बच्चों को आहार चबाने के लिए प्ररित करता है। इससे पहले बच्चों को आहार प्यूरी के रूप में दिया जा रहा था। अगर आप अब तक बच्चे को प्यूरी दे रहें हैं तो अब वक्त आ गया है की आप बच्चे को पूरी तरह ठोस आहार देना शुरू कर दें।
Read More...

मुंग का दाल बनाने की विधि - शिशु आहार
मुंग-का-दाल मुंग के दाल में प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। शिशु में ठोस आहार की शुरुआत करते वक्त उन्हें आप मुंग दाल का पानी दे सकते हैं। चूँकि मुंग का दाल हल्का होता है - ये 6 माह के बच्चे के लिए perfect आहार है।
Read More...

इन चीज़ों की आवशकता पड़ेगी आपको बच्चे में ठोस आहार की शुरुआत करते वक्त
ठोस-आहार-के-लिए-वस्तुएं 6 महीने की उम्र में आप का बच्चा तैयार हो जाता है ठोस आहार के लिए| ऐसे मैं आप को Indian baby food बनाने के लिए तथा बच्चे को ठोस आहार खिलाने के लिए सही वस्तुओं की आवश्यकता पड़ेगी| जानिए आपको किन-किन वस्तुओं की आवश्यकता पड़ेगी अपने बच्चे को ठोस आहार खिलाने में|
Read More...

बच्चों को बीमार न कर दे ज्यादा नमक और चीनी का सेवन
नमक-चीनी बच्चों में जरूरत से ज्यादा नमक और चीनी का सावन उन्हें मोटापा जैसी बीमारियोँ के तरफ धकेल रहा है| यही वजह है की आज हर 9 मैं से एक बच्चे का रक्तचाप उसकी उम्र के हिसाब से अधिक है| इसकी वजह बच्चों के आहार में नमक की बढ़ी हुई मात्रा|
Read More...

पढ़ाई में ना लगे मन आप के बच्चे का तो क्या करें
पढ़ाई कुछ बातों का ध्यान रखें तो आप अपने बच्चे के बुद्धिस्तर को बढ़ा सकते हैं और बच्चे में आत्मविश्वास पैदा कर सकते हैं। जैसे ही उसके अंदर आत्मविश्वास आएगा उसकी खुद की पढ़ने की भावना बलवती होगी और आपका बच्चा पढ़ाई में मन लगाने लगेगा ,वह कमज़ोर से तेज़ दिमागवाला बन जाएगा। परीक्षा में अच्छे अंक लाएगा और एक साधारण विद्यार्थी से खास विद्यार्थी बन जाएगा।
Read More...

पोलियो वैक्सीन - IPV1, IPV2, IPV3 - प्रभाव और टीकाकरण
पोलियो-वैक्सीन पोलियो वैक्सीन - IPV1, IPV2, IPV3 वैक्सीन (Polio vaccine IPV in Hindi) - हिंदी, - पोलियो का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
Read More...

चावल का पानी बच्चों के लिए (चावल का सूप) for 6 to 9 month baby
चावल-का-पानी चावल का पानी (Rice Soup, or Chawal ka Pani) शिशु के लिए एक बेहतरीन आहार है। पचाने में बहुत ही हल्का, पेट के लिए आरामदायक लेकिन पोषक तत्वों के मामले में यह एक बेहतरीन विकल्प है।
Read More...

बच्चों में अण्डे से एलर्जी
बच्चों-में-अण्डे-एलर्जी अंडे से एलर्जी होने पर बच्चों के त्वचा में सूजन आ जाना , पूरे शरीर में कहीं भी चकत्ता पड़ सकता है ,खाने के बाद तुरंत उलटी होना , पेट में दर्द और दस्त होना , पूरे शरीर में ऐंठन होना , पाचन की समस्या होना, बार-बार मिचली आना, साँस की तकलीफ होना , नाक बहना, लगातार खाँसी आना , गले में घरघराहट होना , बार- बार छीकना और तबियत अनमनी होना |
Read More...

Copyright: Kidhealthcenter.com