Category: बच्चों का पोषण
By: Salan Khalkho | ☺4 min read
6 महीने की उम्र में आप का बच्चा तैयार हो जाता है ठोस आहार के लिए| ऐसे मैं आप को Indian baby food बनाने के लिए तथा बच्चे को ठोस आहार खिलाने के लिए सही वस्तुओं की आवश्यकता पड़ेगी| जानिए आपको किन-किन वस्तुओं की आवश्यकता पड़ेगी अपने बच्चे को ठोस आहार खिलाने में|

आप और आप के बच्चे दोनों के लिए यह काफी रोमांचक समय होता है जब आपका बच्चा 6 महीना पुरे करता है और सारे घर में त्यौहार का सा माहौल होता है। मगर दूसरी तरफ बच्चों का ठोस आहार शुरू करना काफी मश्कत का काम हो सकता है। मगर आप इस काम को थोड़ा आसान बना सकते हैं अगर आप के पास baby food बनाने से लेकर भोजन परोसने तक के लिए सही वस्तुएं हैं। हम इस लेख में आप को बता रहें हैं उन वस्तुओं के बारे मैं जिनका आप को इंतेज़ाम करना पड़ेगा ताकी आप आसानी से बच्चे का ठोस आहार शुरू कर सकें।
जब बच्चों में आप ठोस खाने की शुरुआत करते हैं तो उस वक्त तहबंद आप की काफी मदद करेगा आपके बच्चे के कपड़ों को गन्दा होने से बचाने मैं। बच्चों का तहबंद जिसे हम अंग्रेज़ी में बिबस कहते हैं, विशेष तौर पे बच्चों के लिए इसी काम के लिए ही बनाया जाता है। बाजार में अगर आप देखें तो आप को अनेकों प्रकार के तहबंद मिल जायेंगे जैसे की सूती के तहबंद, पूरी बाहँ वाली तहबंद, waterproof तहबंद, यहां तक की ऐसे तहबंद उपलब्ध हैं जो गिरते खाने के टुकड़ों को भी जमीं पैर गिरने से रोक लेंगे।
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हर बार खाना खिलाने के बाद आप को इन छोटे मुलायम तौलिये की आवश्यकता पड़ेगी बच्चों का मुँह और हाँथ पोंछने के लिए।
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बच्चे को ऊँची कुर्सी पे बैठा के भोजन करना सबसे बेहतर तरीका है। जब बच्चा 6 माह का हो जाता है तब उसकी गर्दन स्थिर होने लगती है और वो बिना किसी सहारे के खुद-बा-खुद बैठने लायक हो जाता है। इस प्रकार की ऊँची कुर्सी पे बैठा के बच्चे को भोजन करने से उसमे भोजन-खाने सम्बन्धी अच्छे गुण पैदा होते हैं। ऊँची कुर्सी पे बैठ के जब बच्चा खाना खा रहा हो तब आप उसे [finger फूड्स] भी खाने को दे सकते हैं। बच्चों के लिए इस काम के लिए वो ऊँची कुर्सी सबसे सही रहेगी जिसमे आप अपने बच्चे को आसानी से बैठा सकें और आसानी से बहार निकल सकें। कुर्सी की बनावट ऐसी होनी चाहिए की बच्चा उसमे सुरक्षित रहे और गिरे नहीं।
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Stainless steel या शीशे का कटोरी और चम्मच बच्चे को घर पर भोजन कराने के लिए सबसे उपयुक्त है। जहाँ तक हो सके प्लास्टिक का कटोरी और चम्मच इस्तेमाल न करें। आज कल बाजार में बच्चों के लिए बहुत ही high-grade quality के Feeding Bowls and Spoons उपलब्ध हैं। मगर फिर भी जहाँ तक हो सके बच्चों की सिर्फ Stainless steel या शीशे का कटोरी और चम्मच से ही खाना खिलाएं। अगर आप यात्रा कर रहे हों को तो बेशक प्लास्टिक के high-grade quality के Feeding Bowls and Spoons का इस्तेमाल कर सकते हैं।

भारत में छोटे बच्चों को (6 माह से ले कर 2 साल तक के बच्चों को) चाँदी के बने कटोरी और चम्मच में खिलाने की प्रथा है। यह सबसे बेहतर है। मगर ध्यान रहे की कटोरी और चम्मच की सतह और कोना धार-दार न रहे।
इसे बाजार में Potato Masher के नाम से ही जाना जाता है। जब बच्चा छोटा हो जैसे की 6 महीने से लेकर 12 महीने तक का, तो Potato Masher बड़ा काम आता है। इस उम्र में बच्चों के दांत पूरी तरह नहीं आते। अधिकांश बच्चे इस उम्र में अपने जबड़ों के मदद से खाना कहते हैं। Potato Masher की मदद से आप आसानी से उबली सब्जियां जैसी की आलू, शक्करकंद, गंजी, गाजर को पीस सकते हैं - उनका चोखा बना सकते हैं। इसकी मदद से आप केला और सेब भी mash कर सकते हैं।

6 month से लेकर 2 साल तक के बच्चों के लिए Indian baby food बनाते वक्त मिक्सी - ग्राइंडर आपके बड़े काम आएगा। इसके मदद से आप Indian baby food chart के अनुसार बच्चे का भोजन बनाते वक्त आसानी से बेबी फ़ूड को puree या grinding कर सकते हैं। इस काम के लिए आप घर पे पहले से मौजूद mixie का इस्तेमाल कर सकते हैं, बशर्ते की आप बच्चे का खाना बनाते वक्त अलग jar का इस्तेमाल करें।

घर में पहले से उपलब्ध Pressure Cooker का इस्तेमाल आप कर सकते हैं baby food तैयार करने मैं। मगर आप को दिक्क्तों का सामना करना पड़ सकता है। बड़े कुकर में बच्चे के लिए थोड़ा सा भोजन तैयार करने में मुश्किलें आ सकती हैं। सबसे बेहतर होगा की आप अपने बच्चे के लिए 1.5 LTR का कुक्कर खरीद लें। बच्चे के लिए थोड़ा सा खाना आसानी से बन जायेगा।

विज्ञान और तकनिकी विकास के साथ साथ बच्चों के थेड़े-मेढे दातों (crooked teeth) को ठीक करना अब बिना तार के संभव हो गया है। मुस्कुराहट चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाता है। लेकिन अगर दांत थेड़े-मेढे (crooked teeth) तो चेहरे की खूबसूरती को कम कर देते हैं। केवल इतना ही नहीं, थेड़े-मेढे दातों (crooked teeth) आपके बच्चे के आत्मविश्वास को भी कम करते हैं। इसीलिए यह जरूरी है कि अगर आपके बच्चे के दांत थेड़े-मेढे (crooked teeth) हो तो उनका समय पर उपचार किया जाए ताकि आपके शिशु में आत्मविश्वास की कमी ना हो। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह आप अपने बच्चे के थेड़े-मेढे दातों (crooked teeth) को बिना तार या ब्रेसेस के मदद के ठीक कर सकते हैं।
बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में पोषण का बहुत बड़ा योगदान है। बच्चों को हर दिन सही मात्र में पोषण ना मिले तो उन्हें कुपोषण तक हो सकता है। अक्सर माँ-बाप इस बात को लेकर परेशान रहते हैं की क्या उनके बच्चे को सही मात्र में सभी जरुरी पोषक तत्त्व मिल पा रहे हैं या नहीं। इस लेख में आप जानेंगी 10 लक्षणों के बारे मे जो आप को बताएँगे बच्चों में होने वाले पोषक तत्वों की कमी के बारे में।
सुपरफूड हम उन आहारों को बोलते हैं जिनके अंदर प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। सुपर फ़ूड शिशु के अच्छी शारीरिक और मानसिक विकास में बहुत पूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये बच्चों को वो सभी पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो शिशु के शारीर को अच्छी विकास के लिए जरुरी होता है।
गर्भावस्था के दौरान मां और उसके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए विटामिंस बहुत आवश्यक होते हैं। लेकिन इनकी अत्यधिक मात्रा गर्भ में पल रहे शिशु तथा मां दोनों की सेहत के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। इसीलिए गर्भावस्था के दौरान अधिक मात्रा में मल्टीविटामिन लेने से बचें। डॉक्टरों से संपर्क करें और उनके द्वारा बताए गए निश्चित मात्रा में ही विटामिन का सेवन करें। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि गर्भावस्था के दौरान अधिक मात्रा में मल्टीविटामिन लेने के कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं।
होली मात्र एक त्यौहार नहीं है, बल्कि ये एक मौका है जब हम अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति के बारे में जागरूक कर सकते हैं। साथ ही यह त्यौहार भाईचारा और सौहाद्रपूर्ण जैसे मानवीय मूल्यों का महत्व समझने का मौका देता है।
Online BMI Calculator - बॉडी मास इन्डेक्स (BMI) का गणना करने के लिए आप को BMI calculator में अपना वजन और अपनी लम्बाई दर्ज करनी है। सब्मिट (submit) दबाते है calculator आप के BMI को दिखा देगा।
शिशु को 1 वर्ष की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को कॉलरा, जापानीज इन्सेफेलाइटिस, छोटी माता, वेरिसेला से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
शिशु को 6 महीने की उम्र में कौन कौन से टिके लगाए जाने चाहिए - इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहां प्राप्त करें। ये टिके आप के शिशु को पोलियो, हेपेटाइटिस बी और इन्फ्लुएंजा से बचाएंगे। सरकारी स्वस्थ शिशु केंद्रों पे ये टिके सरकार दुवारा मुफ्त में लगाये जाते हैं - ताकि हर नागरिक का बच्चा स्वस्थ रह सके।
शिशु के कान में मेल का जमना आम बात है। मगर कान साफ़ करते वक्त अगर कुछ महत्वपूर्ण सावधानी नहीं बरती गयी तो इससे शिशु के कान में इन्फेक्शन हो सकता है या उसके कान के अन्दर की त्वचा पे खरोंच भी लग सकता है। जाने शिशु के कान को साफ़ करने का सही तरीका।
फाइबर और पौष्टिक तत्वों से युक्त, मटर की प्यूरी एक बेहतरीन शिशु आहार है छोटे बच्चे को साजियां खिलने का| Step-by-step instructions की सहायता से जानिए की किस तरह आप ताज़े हरे मटर या frozen peas से अपने आँखों के तारे के लिए पौष्टिक मटर की प्यूरी कैसे त्यार कर सकते हैं|
6 month से 2 साल तक के बच्चे के लिए गाजर के हलुवे की रेसिपी (recipe) थोड़ी अलग है| गाजर बच्चे की सेहत के लिए बहुत अच्छा है| गाजर के हलुवे से बच्चे को प्रचुर मात्रा में मिलेगा beta carotene and Vitamin A.
चूँकि इस उम्र मे बच्चे अपने आप को पलटना सीख लेते हैं और ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं, आप को इनका ज्यादा ख्याल रखना पड़ेगा ताकि ये कहीं अपने आप को चोट न लगा लें या बिस्तर से निचे न गिर जाएँ।
अगर आप आपने कल्पनाओं के पंखों को थोड़ा उड़ने दें तो बहुत से रोचक कलाकारी पत्तों द्वारा की जा सकती है| शुरुआत के लिए यह रहे कुछ उदहारण, उम्मीद है इन से कुछ सहायता मिलेगी आपको|
गर्मी की छुट्टियों में बच्चे घर पर रहकर बहूत शैतानी करते है ऐसे में बच्चो को व्यस्त रखने के लिए फन ऐक्टिविटीज (summer fun activities for kids) का होना बहूत जरूरी है! इसके लिए कुछ ऐसी वेबसाइट मोजूद है जो आपकी मदद कर सकती है! आइये जानते है कुछ ऐसी ही ख़ास फन ऐक्टिविटी वाली वेबसाइट्स (websites for children summer activities) के बारे में जो फ्री होने के साथ बहूत लाभकारी भी है! J M Group India के संस्थापक बालाजी के अनुसार कुछ ज्ञान वर्धक बातें।
मेनिंगोकोकल वैक्सीन (Meningococcal Vaccination in Hindi) - हिंदी, - मेनिंगोकोकल का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक
सब्जियौं में ढेरों पोषक तत्त्व होते हैं जो बच्चे के अच्छे मानसिक और शारीर विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जब शिशु छेह महीने का हो जाये तो आप उसे सब्जियों की प्यूरी बना के देना प्रारंभ कर सकती हैं। सब्जियों की प्यूरी हलकी होती है और आसानी से पच जाती है।
आपके बच्चों में अच्छी आदतों का होना बहुत जरुरी है क्योँकि ये आप के बच्चे को न केवल एक बेहतर इंसान बनने में मदद करता है बल्कि एक अच्छी सेहत भरी जिंदगी जीने में भी मदद करता है।
दिमागी बुखार (मेनिन्जइटिस) की वजह से दिमाग को नुकसान और मौत हो सकती है। पहले, बहुत अधिक बच्चों में यह बीमारियां पाई जाती थी, लेकिन टीकों के इस्तेमाल से इस पर काबू पाया गया है। हर माँ बाप को अपने बच्चों को यह टिका अवश्य लगवाना चाहिए।
चेचक को बड़ी माता और छोटी माता के नाम से भी जाना जाता है। बच्चों में चेचक बीमारी के वायरस थूक, यूरिन और नाखूनों आदि में पाएं जाते हैं। यह वायरस हवा में घुलकर साँस के द्वारा बच्चे के शरीर में आसानी से प्रवेश करते हैं। इस रोग को आयुर्वेद में मसूरिका के नाम से भी जाना जाता है।