Category: बच्चों का पोषण
By: Vandana Srivastava | ☺9 min read
आहार जो बढ़ाये बच्चों का वजन और साथ में उनके भूख को भी जगाये। बच्चे खाना खाने में नखरा करें तो खिलाएं ये आहार। इस लेख में हम इन्ही भोजनों की चर्चा करेंगे। मगर पोषण के दृष्टिकोण से एक बच्चे को सभी प्रकार के आहार को ग्रहण करना चाहिए।

हर माँ बाप यह चाहते हैं की उनका बच्चा तंदरुस्त हो। और इसीलिए माँ - बाप बच्चों का भूख बढाने के उपाय ढूंढ़ते रहते हैं।
लेकिन अफ़सोस !
आज के माता-पिता की आम समस्या ये है की - बच्चों को भूख ही नहीं लगता!
ऐसे में क्या किया जाये?
इसका हल बहुत आसन है।
बच्चों को केवल ऐसे आहार नहीं दें जिससे उन्हें केवल पोषण मिले।
इसके बदले बच्चों को ऐसे आहार दें जो पोषण के साथ-साथ बच्चों का भूख भी बढ़ाये।
जी हाँ - ऐसे आहार हैं, जिन्हें खाने से शिशु का भूख बढ़ता है।
आप के लिए सबसे महत्वपूर्ण ये है की आप का बच्चा स्वस्थ रहे और साथ में तंदरुस्त भी। बच्चे के पोषण और विकास के लिए आप का चिंतित होना लाजमी है।
ऐसे में सवाल ये उठता है की बच्चे को क्या खिलाएं।
इस लेख में आप को हम बताने जा रहे हैं ऐसे आहार जिनसे आप का बच्चा रहेगा स्वस्थ और तंदरुस्त - लेकिन उससे भी महत्वपूर्ण ये - की आप के बच्चे का भूख भी बढेगा।
यदि आपका बच्चा भी कमज़ोर है तो ऐसे में कुछ खाद्य वस्तुयों का प्रयोग आपके बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए कारगर होगा। जैसे -
बच्चे का वजन अगर कम है तो उसे मलाई वाला दूध पिलाना सही माना जाता है। अगर दूध पीने से बच्चा मना करें तो शेक, स्मूदी या चॉक्लेट पाउडर मिक्स कर देना चाहिए।

अंडे प्रोटीन से भरपूर होते हैं। पीली जर्दी को 8 वें महीने और पूरे अंडे एक वर्ष की उम्र से शुरू किया जा सकता है।

आलू वजन बढ़ाने के लिए उपयोगी होते हैं। ये कार्बोहाइड्रेट और ऊर्जा का बहुत अच्छा स्रोत है। आप इसे आलू पनीर या चीज़ मैश के रूप में दे सकते है।

शकरकंद फाइबर, पोटेशियम, विटामिन ए,बी और सी से भरपूर होते हैं। इन्हें खाने से वजन भी बढ़ता है। बच्चों को दूध में मैश कर इसे दिया जा सकता है।

सभी प्रकार के ड्राई फ्रूट्स और विशेषकर नट्स विटामिन से भरपूर होते हैं। इनका पाउडर बनाकर बच्चों को दूध में मिलाकर पिलाया जा सकता है।

केला एनर्जी का बेहतरीन स्त्रोत होता है। दूध में मैश कर इसे देने से बच्चों के वजन में वृद्धि आती है। एक साल से अधिक के बच्चों के लिए केले का शेक भी एक अच्छा विकल्प होता है।

दाल में प्रोटीन काफी होता है। छोटे बच्चों को दाल का पानी अवश्य पिलाना चाहिए।

पूरे क्रीम का दही भी एक उपयुक्त विकल्प है। बाजार में उपलब्ध फल वाला दही / फ्रुटी दही खरीदने से बचें क्यूकी उसमें बहुत अधिक मात्रा में शक्कर मिलाई जाती है। इसके बजाय दही के साथ कुछ फलों का मिश्रण बना कर अपने बच्चो को दीजिए। श्रीखंड, दही की एक बढ़िया रेसिपी / डिश है जो की शिशुओं और बच्चों को दी जा सकती है।

शाम नाश्ते के रूप में पनीर का एक छोटा सा टुकड़ा भी आपकी मदद कर सकता हैं। घर का बना पनीर अथवा कोटेज चीज़ एक सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। ब्रोकोली पनीर मैश, आलू पनीर मैश, अंडा चीज़ मैश के रूप में भी पनीर को दिया जा सकता है।

घी और गुड़ के साथ रागी का प्रयोग बच्चों का वजन बढ़ाने में मदद करता है।

आप घी को मक्खन के समान प्रयोग में ला सकते हैं।

मूंगफली का मक्खन वजन बढ़ाने के लिए एक बहुत अच्छा स्रोत है। आपका शिशु यदि 1 वर्ष से अधिक आयु का है, तो आप एक रोटी या टोस्ट पर मूंगफली का मक्खन एक चम्मच फैला दीजिए और अपने बच्चे को खाने के लिए दीजिए।

बच्चों को हरी सब्जियां खिलाने की आदत डालें। हरी सब्जियों में भरपूर पोषण के साथ पाचन तंत्र को साफ रखने की भी क्षमता होती है।

बच्चों के विकास के लिए जिंक एक बेहद अहम पोषक तत्व होता है। जिंक की कमी के कारण बच्चों को भूख कम लगती है। कोशिश करें कि बच्चें को जिंक से भरपूर भोजन दें जैसे तरबूज के बीज, मूंगफली, बींस, पालक, मशरूम और दूध आदि।

वजन बढ़ाने के लिए प्रोटीन का सेवन जरूरी है इसलिए अपने आहार में चिकन, मछली, अंडा, दूध, बादाम व मूंगफली आदि को शामिल करें। इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट भी वजन बढ़ाने में मददगार होता है जैसे पास्ता, ब्राउन राइस, ओटमील आदि। इन सबके साथ फलों व सब्जियों का सेवन भी जरूर करें।

शहद वजन संतुलित करता है। अगर आपका वजन अधिक हो, तो शहद उसे कम करने में मदद करता है और अगर वजन कम हो तो उसे बढ़ाने का काम करता है। रोज सोने से पहले या नाश्ते में दूध के शहद का सेवन आपका वजन बढ़ा सकता है। इससे आपकी पाचन शक्ति भी अच्छी रहती है।

जैतून का तेल में अच्छा वसा होता है। आप जैतून का तेल में बच्चे के भोजन को पका सकते हैं।

यह फल भी वसा / फैट में समृद्ध और वजन बढ़ाने के लिए एक उत्कृष्ट भोजन है। दूध के साथ या सादे तरीके से मैश करके आप इसे परोस सकते हैं।

सब्जियों का पतला सूप या टमाटर का सूप बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसके साथ सूजी का हलवा भी बेहद पौष्टिक और वजन बढ़ाने में मददगार होता है।

यह एक चीनी समृद्ध (sugar rich) फल है। आप किसी भी अन्य फलों अथवा मिल्क शेक आदि के साथ या सादे चीकू की प्यूरी या चीकू खीर दे सकते हैं।
उपरोक्त आहार के साथ यह बात बिलकुल नहीं भूलनी चाहिए कि बच्चे के लिए, मां के दूध से अधिक पौष्टिक कुछ नहीं होता है। अगर बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा है तो उसके दूध पीने की क्रिया पर भी ध्यान देना चाहिए।

इसके अतिरिक्त, यदि बच्चे को कोई प्रॉब्लम है जिसकी वजह से उसे भूख नहीं लगती है या जी मिचलाता है तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
जानिए की आप अपनी त्वचा की देखभाल किस तरह कर सकती हैं की उन पर झुर्रियां आसानी से ना पड़े। अगर ये घरेलु नुस्खे आप हर दिन आजमाएंगी तो आप की त्वचा आने वाले समय में अपने उम्र से काफी ज्यादा कम लगेंगे।
8 लक्षण जो बताएं की बच्चे में बाइपोलर डिसऑर्डर है। किसी बच्चे के व्यवहार को देखकर इस निष्कर्ष पर पहुंचना कि उस शिशु को बाइपोलर डिसऑर्डर (bipolar disorder), गलत होगा। चिकित्सीय जांच के द्वारा ही एक विशेषज्ञ (psychiatrist) इस निष्कर्ष पर पहुंच सकता है कि बच्चे को बाइपोलर डिसऑर्डर (bipolar disorder) है या नहीं।
शिशु के जन्म के पश्चात मां को अपनी खान पान (Diet Chart) का बहुत ख्याल रखने की आवश्यकता है क्योंकि इस समय पौष्टिक आहार मां की सेहत तथा बच्चे के स्वास्थ्य दोनों के लिए जरूरी है। अगर आपके शिशु का जन्म सी सेक्शन के द्वारा हुआ है तब तो आपको अपनी सेहत का और भी ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता। हम आपको इस लेख में बताएंगे कि सिजेरियन डिलीवरी के बाद कौन सा भोजन आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतर है।
गर्भावस्था के दौरान बालों का झड़ना एक बेहद आम समस्या है। प्रेगनेंसी में स्त्री के शरीर में अनेक तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं जिनकी वजह से बालों की जड़ कमजोर हो जाते हैं। इस परिस्थिति में नहाते वक्त और बालों में कंघी करते समय ढेरों बाल टूट कर गिर जाते हैं। सर से बालों का टूटना थोड़ी सी सावधानी बरतकर रोकी जा सकती है। कुछ घरेलू औषधियां भी हैं जिनके माध्यम से बाल की जड़ों को फिर से मजबूत किया जा सकता है ताकि बालों का टूटना रुक सके।
जब तक आपका शिशु पूर्ण रूप से स्तनपान पर निर्भर है तब तक आप को अपने भोजन का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। कुछ आहार ऐसे हैं जो आपके शिशु के विकास में बाधा डाल सकते हैं। वहीं कुछ ऐसे आहार हैं जो आप के स्तनपान को आपके शिशु के लिए अरुचि पूर्ण बना सकते हैं। तथा कुछ ऐसे भी आ रहे हैं जिन्हें स्तनपान के दौरान ग्रहण करने से आपकी शिशु को एलर्जी तक हो सकती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि स्तनपान के दौरान आपको कौन-कौन से आहारों से दूर रहने की आवश्यकता है। Foods you should avoid during breastfeeding.
शिशु के जन्म के तुरंत बाद आपके शरीर को कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे स्तनपान माताओं के लिए बेस्ट आहार। ये आहार ऐसे हैं जो डिलीवरी के बाद आपके शरीर को रिकवर (recover) करने में मदद करेंगे, शारीरिक ऊर्जा प्रदान करेंगे तथा आपके शिशु को उसकी विकास के लिए सभी पोषक तत्व भी प्रदान करेंगे।
बच्चों का और 20 वर्ष से छोटे सभी लोगों का BMI गणना केवल फॉर्मूले के आधार पे नहीं किया जाता है। इसके बदले, BMI chart का भी इस्तेमाल किया जाता है। BMI chart के आधार पे जिन बच्चों का BMI 5th percentile से कम होता है उन्हें underweight माना जाता है।
ठण्ड के दिनों में बच्चों को बहुत आसानी से जुकाम लग जाता है। जुकाम के घरेलू उपाय से आप अपने बच्चे के jukam ka ilaj आसानी से ठीक कर सकती हैं। इसके लिए jukam ki dawa की भी जरुरत नहीं है। बच्चों के शारीर में रोग प्रतिरोधक छमता इतनी मजबूत नहीं होती है की जुकाम के संक्रमण से अपना बचाव (khud zukam ka ilaj) कर सके - लेकिन इसके लिए डोक्टर के पास जाने की आवशकता नहीं है। (zukam in english, jukam in english)
जाने की किस तरह से ह्यूमिडिफायर (Humidifier) बंद नाक और जुकाम से रहत पहुंचता है। साथ ही ह्यूमिडिफायर (Humidifier) को सही तरीके से इस्तेमाल करने के बारे में भी सीखें। छोटे बच्चों को सर्दी, जुकाम और बंद नाक से रहत पहुँचाने के लिए बाल रोग विशेषज्ञ बच्चों के कमरे में ह्यूमिडिफायर (Humidifier) के इस्तेमाल की राय देते हैं। ठण्ड के दिनों में कमरे में कई कारण से नमी का स्तर बहुत गिर जाता है। इससे शिशु को बहुत तकलीफ का सामना करना पड़ता है।
अब तक ३०० बच्चों की जन ले चूका है हत्यारा ब्लू-व्हेल गेम। अगर आप ने सावधानी नहीं बाराती तो आप का भी बच्चा हो सकता है शिकार। ब्लू-व्हेल गेम खलता है बच्चों के मानसिकता से। बच्चों का दिमाग बड़ों की तरह परिपक्व नहीं होता है। इसीलिए बच्चों को ब्लू-व्हेल गेम से सुरक्षित रखने के लिए माँ-बाप की समझदारी और सूझ-बूझ की भी आवश्यकता पड़ेगी।
अगर आप का शिशु जब भी अंडा खाता है तो बीमार पड़ जाता है या उसके शारीर के लाल दाने निकल आते हैं तो इसका मतलब यह है की आप के शिशु को अंडे से एलर्जी है। अगर आप के शिशु को अंडे से एलर्जी की समस्या है तो आप किस तरह अपने शिशु को अंडे की एलर्जी से बचा सकती है और आप को किन बातों का ख्याल रखने की आवश्यकता है।
मसूर दाल की खिचड़ी एक अच्छा शिशु आहार है (baby food)| बच्चे के अच्छे विकास के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों की जरूरतों की पूर्ति होती है। मसूर दाल की खिचड़ी को बनाने के लिए पहले से कोई विशेष तयारी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। जब भी आप के बच्चे को भूख लगे आप झट से 10 मिनट में इसे त्यार कर सकते हैं।
चावल का खीर मुख्यता दूध में बनता है तो इसमें दूध के सारे पौष्टिक गुण होते हैं| खीर उन चुनिन्दा आहारों में से एक है जो बच्चे को वो सारे पोषक तत्त्व देता है जो उसके बढते शारीर के अच्छे विकास के लिए जरुरी है|
मुंग के दाल में प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। शिशु में ठोस आहार की शुरुआत करते वक्त उन्हें आप मुंग दाल का पानी दे सकते हैं। चूँकि मुंग का दाल हल्का होता है - ये 6 माह के बच्चे के लिए perfect आहार है।
6 month से 2 साल तक के बच्चे के लिए गाजर के हलुवे की रेसिपी (recipe) थोड़ी अलग है| गाजर बच्चे की सेहत के लिए बहुत अच्छा है| गाजर के हलुवे से बच्चे को प्रचुर मात्रा में मिलेगा beta carotene and Vitamin A.
सब्जियों की puree एक बहुत ही आसान तरीका है झटपट baby food त्यार करने का| बच्चे को हरी सब्जियां खिलाइये, मगर बाजार से baby food खरीद कर नहीं बल्कि ताज़ा घर में बना कर| घर में बने बच्चे के आहार में आप को पता रहेगा की आप के बच्चे के भोजन में क्या-क्या है| बाजार का बना बेबी फ़ूड महंगा भी बहुत होता है| घर पे आप इसे बहुत ही कम कीमत में बना लेंगे|
बच्चों में जरूरत से ज्यादा नमक और चीनी का सावन उन्हें मोटापा जैसी बीमारियोँ के तरफ धकेल रहा है| यही वजह है की आज हर 9 मैं से एक बच्चे का रक्तचाप उसकी उम्र के हिसाब से अधिक है| इसकी वजह बच्चों के आहार में नमक की बढ़ी हुई मात्रा|
छोटे बच्चे खाना खाने में बहुत नखरा करते हैं। माँ-बाप की सबसे बड़ी चिंता इस बात की रहती है की बच्चों का भूख कैसे बढाया जाये। इस लेख में आप जानेगी हर उस पहलु के बारे मैं जिसकी वजह से बच्चों को भूख कम लगती है। साथ ही हम उन तमाम घरेलु तरीकों के बारे में चर्चा करेंगे जिसकी मदद से आप अपने बच्चों के भूख को प्राकृतिक तरीके से बढ़ा सकेंगी।
हर प्रकार के मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर, बच्चों के लिए ड्राई फ्रूट्स बहुत पौष्टिक हैं| ये विविध प्रकार के नुट्रिशन बच्चों को प्रदान करते हैं| साथ ही साथ यह स्वादिष्ट इतने हैं की बच्चे आप से इसे इसे मांग मांग कर खयेंगे|
बच्चों का मालिश बहुत महत्वपूर्ण है। आप के बच्चे का स्पर्श आप के प्यार और दुलार का एक माध्यम है। मालिश इसी का एक रूप है। जिस प्रकार से आप के बच्चे को पौष्टिक भोजन की आवशकता अच्छे growth और development के लिए जरुरी है, उसी तरह मालिश भी जरुरी है।