Category: प्रेगनेंसी
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शिशु के जन्म के तुरंत बाद आपके शरीर को कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे स्तनपान माताओं के लिए बेस्ट आहार। ये आहार ऐसे हैं जो डिलीवरी के बाद आपके शरीर को रिकवर (recover) करने में मदद करेंगे, शारीरिक ऊर्जा प्रदान करेंगे तथा आपके शिशु को उसकी विकास के लिए सभी पोषक तत्व भी प्रदान करेंगे।

स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपने आहारों के द्वारा अपनी शारीरिक ऊर्जा को बनाए रखने की आवश्यकता है विशेषकर अगर हाल ही में आपने एक शिशु को जन्म दिया है तो।
शिशु के जन्म के तुरंत बाद आपका शरीर अनेक प्रकार के बदलाव से गुजरता है जैसे शारीरिक बदलाव और हार्मोन में बदलाव। शिशु के जन्म के बाद आपके शरीर को दूध भी तैयार करने की आवश्यकता है ताकि आप के शिशु को स्तनपान पर्याप्त मात्र में मिल सके।
लेकिन इसके लिए आपको अपने आहारों में और ज्यादा कैलोरी लेने की जरूरत नहीं है। स्तनपान के दौरान आपके शरीर को हर दिन 300 कैलोरी ज्यादा जरूरत पड़ती है।

हम इस लेख में जिक्र करने जा रहे हैं कुछ ऐसे आहारों के बारे में जिन्हें स्तनपान माताओं के लिए बेस्ट आहार के रूप में जाना जाता है।
ये हैं:
स्तनपान के दौरान यह सभी आपके आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को दूसरी महिलाओं की तुलना में थोड़ा ज्यादा प्रोटीन की आवश्यकता होती है।

अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के अनुसार आपको हर दिन कम से कम 71 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता स्तनपान के दौरान पड़ती है।
आपको एक बार में प्रोटीन की कितनी मात्रा खाने की आवश्यकता नहीं है लेकिन दिन में तीन बार आहार ग्रहण करते वक्त आप इन्हें इस तरह ले सकती हैं 1 दिन में आपके शरीर को 71 ग्राम प्रोटीन मिल सके।
अपने आहार में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के लिए आप मछली, अंडा, दूध से बने उत्पाद, मेवे, दाल और मीट खा सकती है।
अगर आप शाकाहारी हैं तो तो आहार में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के लिए दाल, सोया और पनीर सबसे अच्छे विकल्प है।
आपको दिन भर में अपने आहारों से इतनी उर्जा मिलने की आवश्यकता है जिससे आपकी शारीरिक ऊर्जा की जरूरत पूरी हो सके और साथ में आपके शिशु की भी शारीरिक ऊर्जा और विकास की आवश्यकता को पूरा किया जा सके।

कार्बोहाइड्रेट शरीर को ऊर्जा देने का सबसे बेहतरीन स्रोत है। चीनी से भी शरीर को ऊर्जा मिलती है लेकिन जितना हो सके चीनी का इस्तेमाल कम करें। क्योंकि चीनी शरीर में ग्लूकोस के स्तर को तुरंत बहुत बढ़ा देता है।
इससे आने वाले समय में आप के लिए डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन अनाज के द्वारा शरीर को जो कार्बोहाइड्रेट मिलता है उसे पचाने में शरीर को समय लगता है जिस वजह से अचानक से शरीर में ग्लूकोस स्तर नहीं बढ़ता है। संपूर्ण अनाज यानी होल ग्रेन वह अनाज है जिसके छिलके चोकर को नहीं निकाला गया है।
फल और सब्जियों से शरीर को स्वास्थ्यवर्धक कार्बोहाइड्रेट मिलता है। ये शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। लेकिन सब्जियौं से शरीर को केवल कार्बोहाइड्रेट ही नहीं मिलता है, वरन कई प्रकार के विटामिन और मिनरल्स भी मिलते हैं।

ये पोषक तत्त्व शिशु के जन्म के बाद आपके शरीर के लिए बहुत आवश्यक है और आपके शिशु के लिए भी बहुत जरुरी है। शिशु के जन्म के बाद आपके लिए सबसे बेहतरीन फल और सब्जियां यह है:
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को उतनी ही आयरन की आवश्यकता पड़ती है, जितनी की उन्हें गर्भावस्था के दौरान।

गर्भावस्था के दौरान आप को जितने भी पोषण की आवश्यकता पड़ी (prenatal vitamins), वो सभी पोषक तत्त्व आपको स्तनपान के दौरान भी लेने की आवश्यकता है।

अगर आप के आहार में आयरन की मात्र अधिक भी हो जाये तो भी स्तनपान में आयरन की मात्र जरुरत से ज्यादा नहीं बढ़ेगी।
स्तनपान के दौरान शारीर से कैल्शियम बहुत तेजी से ख़त्म होता है। इसी का नतीजा है की माँ बनने के बाद स्त्रियों को दांत और हड्डीयौं की समस्या रहती है।

स्तनपान के जरिये आप के शारीर से ख़त्म हो रही कैल्शियम की मात्र को पूरा करने के लिए आप को अपने भोजन ऐसे आहारों को सम्मलित करने की आवश्यकता है जिससे आप के शारीर को कैल्शियम मिल सके।
आप और आपके शिशु को दोनों को ही आहारों के दुवारा वसा प्राप्त करने की आवश्यकता है लेकिन सही प्रकार का वसा।
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तेल वाली मछलियों में मिलने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड, शिशु के मस्तिष्क के विकास और उसके आंखों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
स्तनपान कराने के दौरान आप सत्ता में दो बार मछलियां खा सकती हैं। लेकिन केवल ऐसी मछलियां ही खाएं जिसमें मरकरी के विश की संभावना ना हो।
आप इन मछलियों को खा सकती हैं:
इन मछलियों को ना खाएं
अगर आप मछलियां नहीं खाती हैं तो अपने शिशु को ओमेगा 3 फैटी एसिड प्रदान करने के लिए आप फ्लेक्सी खा सकती हैं। फ्लेक्ससीड ओमेगा 3 फैटी एसिड का एक बेहतरीन शाकाहारी विकल्प है।
स्तनपान के दौरान अपने लिए आहार तैयार करते हैं वह उसे ऑलिव ऑयल, नारियल का तेल और शाकाहारी तेलों में बनाएं। सैचुरेटेड फट जैसे कि डालडा, इस से आहार ना बनाएं।
दिन भर में चाय की चम्मच से छेह चम्मच तेल आपके सारे शारीरिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
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