Category: स्वस्थ शरीर
By: Vandana Srivastava | ☺17 min read
लर्निंग डिसेबिलिटी (Learning Disabilities) एक आम बात है जिस बहुत से बच्चे प्रभावित देखे जा सकते हैं। इसका समाधान किया जा सकता है। माँ-बाप और अध्यापकों के प्रयास से बच्चे स्कूल में दुसरे बच्चों के सामान पढाई में अच्छा प्रदर्शन दे सकते हैं। लेकिन जरुरी है की उनके अन्दर छुपी प्रतिभा को पहचाना जाये और उचित मार्गदर्शन के दुवारा उन्हें तराशा जाये। इस लेख में आप जानेंगे की लर्निंग डिसेबिलिटी (Learning Disabilities) क्या है और आप अपने बच्चे का इलाज किस तरह से कर सकती हैं।

लर्निंग डिसेबिलिटी (Learning Disabilities) एक प्रकार की विसंगति है जो बच्चे के सिखने की छमता को प्रभावित करता है।
हालाँकि,
बच्चों का बौद्धिक स्तर 90 या इससे भी अधिक हो सकता है, लेकिन फिर भी ये बच्चे दुसरे बच्चों की तुलना में पढाई में थोड़े कमजोर होते हैं।

इन में कोई ऐसी प्राथमिक विक्लांगता भी नहीं होती है की कहा जा सके की उसकी वजह से बच्चे के सिखने की छमता प्रभावित हो रही है।
लर्निंग डिसेबिलिटी (Learning Disabilities) से प्रभावित बच्चे हर आयु ,जाती एवं सामाजिक ,आर्थिक स्तर में दिखाई पड़ते हैं।
अधिगम अक्षमता (Learning Disabilities) एक कौतुहल का विषय हैं।
इस लेख में आप पढ़ेंगी की बच्चों में लर्निंग डिसेबिलिटी (Learning Disabilities) क्योँ होती है और इसका क्या समाधान है। समाधानों की चर्चा हम लेख के अंत में करेंगे। इस लेख में हम आप को यह भी बताएँगे की आप किस तरह से इस विकृति से अपने बच्चे का बचाव कर सकती हैं।

आप इन बच्चों को स्कूल के सामान्य कक्षा कक्ष में आसानी से पहचान लेंगी। ये बच्चे लेखन कौशल के आधार भूत सिधान्तों को नहीं सिख पाते हैं। इन बच्चों में कोई भी शारीरिक विकलांगता नहीं पाई जाती है - इसके बावजूद इन बच्चों का बौद्धिक स्तर दुसरे बच्चों से तुलनात्मक रूप से औसत से कम होता हैं।

ये बच्चे ऐसे क्रिकेट खिलाडी की तरह होते हैं जिसमे बल्ले से गेंद को हिट कर के रन बनाने की क्षमता तो हैं लेकिन उन्हें एक टुटा हुआ बल्ला दे देदिया गया है। इस वजह से वे अपनी छमता का बेहतरीन प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं।

पिछले कई दशकों से लर्निंग डिसेबिलिटी पे हुए अनेकों शोध के बावजूद अभी बहुत से ऐसे अनसुलझे सवाल है जिन का उत्तर पता लगाना अभी बाकि है। उदहारण के लिए:

अधिगम अक्षमता (Learning Disabilities) से प्रभावित बच्चों को सबसे ज्यादा समस्या आती है जब वे पढ़ने, लिखने , जोड़ने, घटाने इत्यादि से सम्बंधित कार्य करते हैं। इन समस्याओं को तीन वर्गों में बंटा गया है:
 - पढ़ने सम्बन्धी समस्या.jpg)
मकिनिस और हेमिंग के अनुसार ऐसे बच्चों में कुछ ख़ास विशेषताएं पायी जाती हैं। जैसे -
 - लिखने सम्बन्धी समस्या learning disability that affects writing ability.jpg)
 - जोड़ने घटाने सम्बन्धी समस्या.jpg)

दुनिया भर में लर्निंग डिसेबिलिटी (Learning Disabilities) पे हुए शोध में यह पाया गया है की इसकी मुख्या वजह है तंत्रिका तंत्र में विसंगति। लेकिन इसके आलावा बच्चों में लर्निंग डिसेबिलिटी के और भी बहुत से कारण हो सकते हैं। उदहारण के लिए केंद्रीय स्नायु प्रणाली की अक्रियाशीलता, या अनुवांशिकता के परिणाम स्वरूप। लर्निंग डिसेबिलिटी बच्चे में जन्म के समय या जन्म से पूर्व भी हो सकता है: इन तीन कारणों से होता है लर्निंग डिसेबिलिटी बच्चों में:
ऐसे देखा जाये तो लर्निंग डिसेबिलिटी का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। मगर जानकारी और प्रयास से बच्चे के सिखने की छमता को बढाया जा सकता है।

इससे बच्चे का आत्मविश्वास भी बढता है। लर्निंग डिसेबिलिटी से प्रभावित बच्चों को इस तरह मदद प्रदान किया जा सकता है:


अगर आप को यह पता चले की आप के बच्चे में लर्निंग डिसेबिलिटी है तो आप घबराएँ नहीं। ऐसे बहुत से लोग हैं जो लर्निंग डिसेबिलिटी के बावजूद सफलता के शिखर पे पहुंचे हैं। बच्चे के स्कूल में प्रदर्शन के आधार पे उसे कभी डाटें नहीं। वरन उसके अन्दर छिपी क्षमताओं और योग्यताओं को पहचानने की कोशिश करें और उन्हें तराशें। बच्चे को सही परामर्श देकर उनका सहयोग करे।
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मुख्यता दस कारणों से मिसकैरेज (गर्भपात) होता है। अगर इनसे बच गए तो मिसकैरेज नहीं होगा। जाने की मिसकैरेज से बचाव के लिए आप को क्या करना और क्या खाना चाहिए। यह भी जाने की मिसकैरेज के बाद फिर से सुरक्षित गर्भधारण करने के लिए आप को क्या करना चाहिए और मिसकैरेज के बाद गर्भधारण कितना सुरक्षित है?
नारियल का पानी गर्भवती महिला के लिए पहली तिमाही में विशेषकर फायदेमंद है अगर इसका सेवन नियमित रूप से सुबह के समय किया जाए तो। इसके नियमित सेवन से गर्भअवस्था से संबंधित आम परेशानी जैसे कि जी मिचलाना, कब्ज और थकान की समस्या में आराम मिलता है। साथी या गर्भवती स्त्री के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, शिशु को कई प्रकार की बीमारियों से बचाता है और गर्भवती महिला के शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करता है।
जानिए कीवी फल खाने से शरीर को क्या क्या फायदे होते है (Health Benefits Of Kiwi) कीवी में अनेक प्रकार के पोषक तत्वों का भंडार होता है। जो शरीर को कई प्रकार की बीमारियों से बचाने में सक्षम होते हैं। कीवी एक ऐसा फल में ऐसे अनेक प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो शरीर को बैक्टीरिया और कीटाणुओं से भी लड़ने में मदद करते। यह देखने में बहुत छोटा सा फल होता है जिस पर बाहरी तरफ ढेर सारे रोए होते हैं। कीवी से शरीर को अनेक प्रकार के स्वास्थ लाभ मिलते हैं। इसमें विटामिन सी, फोलेट, पोटेशियम, विटामिन के, और विटामिन ई जैसे पोषक तत्वों की भरमार होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भी प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। कीवी में ढेर सारे छोटे काले बीज होते हैं जो खाने योग्य हैं और उन्हें खाने से एक अलग ही प्रकार का आनंद आता है। नियमित रूप से कीवी का फल खाने से यह आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है यानी कि यह शरीर की इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
गर्भपात बाँझपन नहीं है और इसीलिए आप को गर्भपात के बाद गर्भधारण करने के लिए डरने की आवश्यकता नहीं है। कुछ विशेष सावधानियां बारात कर आप आप दुबारा से गर्भवती हो सकती हैं और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं। इसके लिए आप को लम्बे समय तक इन्तेजार करने की भी आवश्यकता नहीं है।
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गाए के दूध से मिले देशी घी का इस्तेमाल भारत में सदियौं से होता आ रहा है। स्वस्थ वर्धक गुणों के साथ-साथ इसमें औषधीय गुण भी हैं। यह बच्चों के लिए विशेष लाभकारी है। अगर आप के बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा है, तो देशी घी शिशु का वजन बढ़ाने की अचूक दावा भी है। इस लेख में हम चर्चा करेंगे शिशु को देशी घी खिलने के 7 फाएदों के बारे में।
इस calculator की मदद से दो मिनट में पता करिए की व्यस्क होने पे आप के शिशु की लम्बाई क्या होगी। शिशु की लम्बाई उसके आनुवंशिकी (genetics) और बचपन में उसे मिले आहार पे निर्भर करता है। इन्ही दोनों बैटन के आधार पे शिशु की लम्बाई का आकलन लगाया जाता है। Baby height prediction. Find out how tall your child will be?
मौसम तेज़ी से बदल रहा है। ऐसे में अगर आप का बच्चा बीमार पड़ जाये तो उसे जितना ज्यादा हो सके उसे आराम करने के लिए प्रोत्साहित करें। जब शरीर को पूरा आराम मिलता है तो वो संक्रमण से लड़ने में ना केवल बेहतर स्थिति में होता है बल्कि शरीर को संक्रमण लगने से भी बचाता भी है। इसका मतलब जब आप का शिशु बीमार है तो शरीर को आराम देना बहुत महत्वपूर्ण है, मगर जब शिशु स्वस्थ है तो भी उसके शरीर को पूरा आराम मिलना बहुत जरुरी है।
कुछ साधारण से उपाय जो दूर करें आप के बच्चे की खांसी और जुकाम को पल में - सर्दी जुकाम की दवा - तुरंत राहत के लिए उपचार। बच्चों की तकलीफ को दूर करने के लिए बहुत से आयुर्वेदिक घरेलु उपाय ऐसे हैं जो आप के किचिन (रसोई) में पहले से मौजूद है। बस आप को ये जानना है की आप उनका इस्तेमाल किस तरह कर सकती हैं अपने शिशु के खांसी को दूर करने के लिए।
बदलते मौसम में शिशु को सबसे ज्यादा परेशानी बंद नाक की वजह से होता है। शिशु के बंद नाक को आसानी से घरेलु उपायों के जरिये ठीक किया जा सकता है। इन लेख में आप पढेंगे - How to Relieve Nasal Congestion in Kids?
गर्भावस्था के बाद तंदरुस्ती बनाये रखना बहुत ही चुनौती पूर्ण होता है। लेकिन कुछ छोटी-मोती बातों का अगर ख्याल रखा जाये तो आप अपनी पहली जैसी शारीरिक रौनक बार्कर रख पाएंगी। उदहारण के तौर पे हर-बार स्तनपान कराने से करीब 500 600 कैलोरी का क्षय होता है। इतनी कैलोरी का क्षय करने के लिए आपको GYM मैं बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।
कोई जरुरत नहीं की बच्चे बरसात के दिनों में घर की चार दीवारों के बीच सिमट के रह जाएँ| इन मजेदार एक्टिविटीज के जरिये बनाये घर पर ही बच्चों के लिए मजेदार माहौल|
केला पौष्टिक तत्वों का बेहतरीन स्रोत है। ये उन फलों में से एक हैं जिन्हे आप अपने बच्चे को पहले आहार के रूप में भी दे सकती हैं। इसमें लग-भग वो सारे पौष्टिक तत्त्व मौजूद हैं जो एक व्यक्ति के survival के लिए जरुरी है। केले का प्यूरी बनाने की विधि - शिशु आहार (Indian baby food)
केला पौष्टिक तत्वों का जखीरा है और शिशु में ठोस आहार शुरू करने के लिए सर्वोत्तम आहार। केला बढ़ते बच्चों के सभी पौष्टिक तत्वों की जरूरतों (nutritional requirements) को पूरा करता है। केले का smoothie बनाने की विधि - शिशु आहार in Hindi
6 month से 2 साल तक के बच्चे के लिए गाजर के हलुवे की रेसिपी (recipe) थोड़ी अलग है| गाजर बच्चे की सेहत के लिए बहुत अच्छा है| गाजर के हलुवे से बच्चे को प्रचुर मात्रा में मिलेगा beta carotene and Vitamin A.
उपमा की इस recipe को 6 month से लेकर 12 month तक के baby को भी खिलाया जा सकता है। उपमा बनाने की सबसे अच्छी बात यह है की इसे काफी कम समय मे बनाया जा सकता है और इसको बनाने के लिए बहुत कम सामग्रियों की आवश्यकता पड़ती है। इसे आप 10 से 15 मिनट मे ही बना लेंगे।
आज के दौर की तेज़ भाग दौड़ वाली जिंदगी मैं हर माँ के लिए यह संभव नहीं की अपने शिशु के लिए घर पे खाना त्यार कर सके| ऐसे मैं बेबी फ़ूड खरीदते वक्त बरतें यह सावधानियां|
अपने बच्चे को किसी भी प्रकार की चोट लगने पर बिना घबराए, पहले यह देखे की उसे किस प्रकार की चोट लगी हैं यह समझते हुए उसका प्राथमिक ईलाज करे और अपने बच्चे को राहत दिलाये। उनका यदि तुरंत ही नहीं ईलाज किया गया तो ये चोट गंभीर घाव का रूप ले लेते हैं और आगे चलकर परेशानी का कारण बन जाति हैं। बच्चे ज्यादातर खेलते - कूदते समय चोट लगा लेते हैं।
अनुपयोगी वस्तुओं से हेण्डी क्राफ्ट बनाना एक रीसाइक्लिंग प्रोसेस है। जिसमें बच्चे अनुपयोगी वास्तु को एक नया रूप देना सीखते हैं और वायु प्रदुषण और जल प्रदुषण जैसे गंभीर समस्याओं से लड़ने के लिए सोच विकसित करते हैं।
टीडी (टेटनस, डिप्थीरिया) वैक्सीन vaccine - Td (tetanus, diphtheria) vaccine in hindi) का वैक्सीन मदद करता है आप के बच्चे को एक गंभीर बीमारी से बचने में जो टीडी (टेटनस, डिप्थीरिया) के वायरस द्वारा होता है। - टीडी (टेटनस, डिप्थीरिया) वैक्सीन का टीका - दवा, ड्रग, उसे, जानकारी, प्रयोग, फायदे, लाभ, उपयोग, दुष्प्रभाव, साइड-इफेक्ट्स, समीक्षाएं, संयोजन, पारस्परिक क्रिया, सावधानिया तथा खुराक